सूरत डीआरआई के अधिकारियों ने बुधवार को अदाणी हजीरा पोर्ट पर बड़ी कार्यवाही करते हुए 1.25 करोड़ रुपए की प्रतिबंधित दवाओं से भरे दो कन्टेनर जब्त कर लिए। इस सिलसिले में डीआरआई ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई के अधिकारियों ने बुधवार की सुबह शक के आधार पर अदाणी हजीरा पोर्ट पर दो कन्टेनर की जांच की। जांच में दोनो कन्टेनर में एनपीडीएस एक्ट के तहत भारत में प्रतिबंधित ट्रामाडोल दवाएं निकली। यह देखकर डीआरआई के अधिकारी भी दंग रह गए। बताया जा रहा है कि दोनो कन्टेनर मिलाकर कुल 15.20 लाख दवाइयां थी। इनकी कीमत 1,25 करोड रूपए हैं। यह दवाएं दक्षिण अफ्रीका के गिनी में भेजी जा रही थी। इन दवाओं के सेवन से नशा होता है। यह लेने के बाद व्यक्ति जोश में रहता है।
डीआरआई के अधिकारियों ने अधिक जांच करने पर यह दवाएं सुरत में अडाजण के और तापी जिले में मांगरोल में बनती थी। अभी तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि इन दवाओं का सेवन आतंकवादी और लूटेरे सहित कई उन्मादी लोग करते हैं। दुनिया के कई देशों में चोरी छुपे इसकी बहुत डिमांड है।
कोरोना: 100 घंटे में कोरोना का अस्पताल तैयार, पुट्ठों से बने बेड
कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं आगामी दिनों में सूरत में अधिक अस्पतालों की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए 80 लाख रुपए की लागत से 182 बैठकर कॉविड आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसे राज्य का सबसे हाई टेक केयर सेंटर माना जा रहा है।
अलथाण भटार कोम्यूनिटी हॉल मे तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड में हर बेड पर ऑक्सीजन पॉइंट, गर्म पानी की भाप लेने का मशीन और मनोरंजन के लिए टीवी सहित तमाम सुविधाएं दी गई है। राज्य की मुख्य स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने आइसोलेशन वार्ड की सराहना की। विधानसभा के विधायक हर्ष संघवी और उनके दोस्तों ने आइसोलेशन वार्ड को तैयार करने में काफी मेहनत की है।
बताया जा रहा है कि यह आइसोलेशन वार्ड 100 घंटे में ही तैयार कर दिया गया। विधायक हर्ष संघवी ने बताया कि शहर में बीते 8 दिनों से लगातार बड़ी संख्या में कोरोना केस मिल रहे थे। सूरत में सिविल हॉस्पिटल और स्मीमेर हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए उपचार की व्यवस्था की गई है। लेकिन कोरोना के मरीज इतनी बड़ी संख्या में आ रहे हैं कि वह व्यवस्था नाकाफी थी।
इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से अलथाण -भटार कम्युनिटी हॉल को आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला किया गया। कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के लिए यहां पर हर सुविधा उपलब्ध है। मरीज अपने परिवार जनों के साथ बातचीत कर सके इसलिए वॉकी टॉकी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
इसे आगामी दिनों में महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसे बनाने का खर्च अलथाण- मथुरा क्षेत्र के मित्र मंडल में उठाया है। यह पूरी व्यवस्था 100 घंटों के दौरान तैयार की गई है। इसमें 182 पुट्ठों से बैड बनाया गया है।