एमएसएमई के नियम बदलने से सूरत से कपड़ा उद्यमियों को होगा कई लाभ

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सूरत

अर्थव्यवस्था की गाड़ी तेजी से आगे बढ़ सके इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश की रीढ की हड्डी कहे जाने वाले एमएसएमई सेगमेंट में भी बड़ा परिवर्तन किया है। सूरत के दृष्टिकोण से उद्यमी इसे बहुत ही सराहनीय प्रयास मान रहे हैं।वित्त मत्री ने माइक्रो,स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री के लिए निवेश का दायरा बढ़ा दिया है।इससे सूरत के कई उद्यमी एमएसएमई के दायरे में आ जाएंगे।

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जारी किया बजट में सूक्ष्म उद्योग के लिए पहले जो एक करोड रुपए के निवेश का जा रहा था उसे बढ़ाकर ढाई करोड़ कर दिया। स्मॉल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ से बढ़कर 25 करोड़ का दायरा कर दिया। वही मीडियम इंडस्ट्री के लिए पहले जो 50 करोड रुपए का निवेश का दायरा था उसे 125 करोड रुपए कर दिया है। निवेश का दायरा बढ़ने से बड़ी संख्या में सूरत के छोटे कारोबारी इस व्याख्या में आ जाएंगे। कपड़ा उद्योग की बात करें तो सूरत के कपड़ा उद्योग में लगभग 90% कारोबारी माइक्रो स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री के दायरे में शामिल हो जाएंगे।

सीए राहुल अग्रवाल ने बताया कि इसके चलते उद्यमियों को सरकार की ओर से एमएसएमई सेगमेंट में जो लाभ दिए जाते थे हैं उसका सीधा लाभ मिल सकेगा। सूरत में बड़ी संख्या में व्यापारी अभ्यासमी के दायरे में सीधे आ जाएंगे।उललेखनिय है कि एमएसएमई सेगमेंट देश की रीढ की हड्डी के समान है।सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एमएसएमई सेगमेंट में आए दिनों नए-नए प्रावधान लाती है। व्यापारियों को लाभ मिल सके ऐसी कई चीज भी इनमें शामिल है। यदि सूरत के ज्यादातर व्यापारी एमएसएमई सेगमेंट में आ जाएंगे तो उन्हें सरकार की नीतियों का लाभ भी मिलेगा।बीते कई समय से कारोबारी द्वारा एमएसएमई में निवेश का दायरा बढ़ाने की गुहार लगाई जा रही थी।इसे बजट में स्वीकार कर लिया गया है।