गुजरात मे रद्द हुए सहित कई चुनाव पुन: कराने पर कोरोना का संकट!

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गुजरात में मार्च में रद्द हुए चुनाव पर अब कोरोना का ग्रहण लग यहा है। सरकार इसे कराने के मुड में नही दिख रही। दरअसल कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि सरकार अब कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है।

फ़िलहाल सरकारी कामकाज भले चालू हो गए लेकिन सरकार अभी भी यह उपचुनाव करने के मूड में नहीं है। यहां तक कि  इस साल दिसंबर के अंत में आयोजित सामान्य चुनाव के बदले पालिका और पंचायतों में सरकार एडमिनिस्ट्रेटर रखने पर भी विचार किया जा रहै है।


सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात में  11 नगर पालिकाओं के 29 और 16 तहसील के 17 बैठकों के लिए 3 मार्च को नामांकन भरे गए थे। 22 मार्च को मतदान शुरू हो इससे पहले ही 18 मार्च को कोरोना की दस्तक  के कारण उप चुनाव रद्द कर देने पड़े। हालाकि अनलॉक होने के कारण अब लॉकडाउन नहीं है। सरकारी कामकाज शुरू हो चुका है है।

लेकिन गुजरात में आज चुनाव को लेकर असमंजस बरकरार है। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों नेबताया कि वर्तमान समय में लोगों लोगों के बीच सोशल डिस्टेंस का पालन मुशिकल है। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग से तापामान अलग-अलग आता है। किसी को मतदान से वंचित भी नहीं रख सकते। सबसे बड़ा संवेदनशील मामला तो ईवीएम के मशीनो से हैं।

ईवीएम से संक्रमण फैलने का भय अधिक है। इसलिए उप चुनाव नहीं होंगे। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार भारत में जब तक कोरोना का भय है तब तक चुनाव करवा पाना मुश्किल है।

सूरत, राजकोट, वड़ोदरा, अहमदाबाद, मुंसिपल कॉरपोरेशन तथा नगर पालिका 31 जिला और 230 तहसील पंचायतों की दिसंबर में समय सीमा पूरी हो रही है। चुनाव के स्थान पर एडमिनिस्ट्रेटर रखने पर विचार किया जा रहा है।हालाँकि अभी इस पर अंतिम फ़ैसला आना बाक़ी है।