कोरोना ने छीन लिया परिवार का एक मात्र आधार, वृद्ध मा, पत्नी और चार साल का बेटा निराधार

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कोरोना के कारण प्रतिदिन कई लोगों को जान गँवानी पड़ रही है। किसी को अपना पिता को किसी को अपना भाई, कोई अपना पति तो कोई बेटा गँवा रहा है। आप ही सोचिए जिस परिवार का एक मात्र सहारा चले जाए उस परिवार पर क्या बीतेगी? कामरेज में ऐसी ही घटना हुई। पूरे परिवार का आधारस्तंभ बेटा कोरोना में चले जाने के कुछ देर बाद पिता की भी मौत हो गई। अप परिवार में पत्नी, चार साल का बेटा और एक माता है।


कामरेज पर ननसाड गांव में रहने वाले एक ब्राह्मण परिवार में घर का एक ही कमाने वाला सदस्य कोरोना की भेंट चढ गया। इस परिवार पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार सिविल हॉस्पिटल में दाखिल मूल तौर से सौराष्ट्र के धानागांव के कर्मकांडी ब्राह्मण कार्तिक भाई शशिकांत भाई जोशी जो कि सिर्फ 29 साल के थे उन्हें कोरोना के कारण सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।


 यह जानकारी सुनते ही उनके 60 साल के पिता शशिकांत भाई जोशी भी चल बसे। 29 वर्षीय कार्तिक भाई इस परिवार में कमाने वाले थे। अब उनके घर में दो महिलाएं और 4 साल का एक बेटा बचा है। कार्तिक भाई की मम्मी मधुबन ह्रदय रोग की मरीज है उनके उपचार में बहुत खर्च होता है। जबकि कार्तिक भाई की पत्नी कोमल बेन ज्यादा पढ़े-लिखी नहीं है वह किराए के मकान में रहती है। कार्तिक भाई की माता मधुबन का की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया है।