सूरत
सूरत सहित देशभर के जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए बीता साल 2023-24 अच्छा नहीं रहा बीता।कट और पॉलिश्ड डायमंड हीरो के निर्यात में 25 प्रतिशत की गिरावट आयी। मंदी से जूझ रहे हीरा उद्योग को राहत के स्थान पर लगातार निराशा मिल रही है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से लगातार कट पॉलिश्ड हीरो के निर्यात में गिरावट से उद्यमियों के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है। हीरा उद्यमी जैसे-तैसे कर परिस्थितियों से उभरने का प्रयास कर रहे हैं। कम उत्पादन से लेकर रफ हीरो की ख़रीदी पर ब्रेक लगाने जैसे फ़ैसले भी किए लेकिन अभी तक हीरा उद्यमियों को मंदी के गर्त से बाहर निकलने के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा।
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने हाल में जारी किए आंकड़ों के मुताबिक़ वित्तीय वर्ष 2022-23 मे 1,76,722 करोड रूपए के कट और पॉलिश्ड हीरो का निर्यात हुआ था। इसके मुक़ाबले 2023-24 मे 1,32,128 करोड रूपए के ही कट- पॉलिश्ड हीरो का निर्यात हुआ जो कि 25 प्रतिशत कम है।हीरा उद्यमियों का कहना है की रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से हीरा उद्योग का गणित भी बिगड़ने लगा। जी-7 देशों ने रूस के खान मे से उत्पादित रफ हीरो पर प्रतिबंध लगा दिया। इसका नुकशान तो हो रहा है साथ ही दूसरी ओर वैश्विक मंदी के चलते भी नैचरल डायमंड की माँग गिरी है। जिसका सीधा असर सूरत और मुंबई के हीरा उद्योग पर पड़ा है।
अमेरिका कट और पॉलिश हीरों का सबसे बड़ा ग्राहक माना जाता है। इसके अलावा हांगकांग और चीन में भी बड़े पैमाने पर हीरा निर्यात किए जाते हैं।बीते एक साल से लंबे समय से वहाँ पर हीरो की माँग लगातार कम हो रही है। जिसके चलते निर्यात के आंकड़े घटते जा रहे हैं।हालाँकि हीरा उद्योग के लिए एक अच्छी बात यह है कि ये सूरत में बिताए 4 साल में लेब्रग्रॉन डायमंड इंडस्ट्री तेज़ी से डेवलप हो रही है।जहाँ नैचरल यूरोप के मान सतत् घट रही है वहीं लेब्रग्रॉन डायमंड की डिमांड तथा बढ़ रही है। लेब्रग्रॉन डायमंड की क़ीमत नैचरल यूरो की अपेक्षा बहुत कम होने के कारण वह कम बजट में मिल जाती है।इसलिए सामान्य और मध्यम वर्गीय परिवार भी ये ज्वेलरी को पसंद करते है।
हीरो का निर्यात
सेगमेन्ट- ———-2022-23-2023-24
कट-पॉलिश्ड —-176722–132128
लैबग्रान हीरे ——13468–11611
कलर जेम्स स्टोन—-3377-3961
पॉलिश्ड सिन्थेटिक स्टोन 49 -115
नोट- निर्यात के आँकड़े करोड मे है