जानिए मनपा की किस आइडिया के कारण हीरा श्रमिकों मे घटा कोरोना

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सूरत में सूरत महानगर पालिका की ओर से शुरू किए गए धन्वतरि रथ के कारण कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने का दावा महानगरपालिका कर रही है।


महानगर पालिका कमिश्नर बंछानिधी पाणी ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान बताया कि सूरत में 120 धन्वंतरि रथ शुरू किए गए हैं। वह शहर के कई क्षेत्रों में जाकर डोर टू डोर लोगों की जांच कर रहे हैं रथ में रोज ओपीडी के माध्यम से प्रतिदिन 25000 लोगों की जांच की जा रही है। एक रथ से लगभग 300 लोगों को दवाई और उपचार किया जा रहा है।

आज तक 2076 टीम के माध्यम से 3.21 लाख से के करीब घरों का डोर टू डोर सर्वे करके 10 लोगों की जांच की गई है। कमिश्नर ने बताया कि इससे फायदा यह हुआ है कि बीते दिनों हीरा श्रमिकों कोरोना तेजी से बढ़ रहा था।

उस पर नियंत्रण पाया जा सका है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में कोरोना के मामले भी बढ़ने से कम हुए हैं। बताया जा रहा है कि अनलॉक के बाद हीरा कारखाने जैसे ही खुले वैसे ही हीरा श्रमिकों में कोरोना का केस तेजी से बढ़ने लगा था।

इसके चलते मनपा को हीरा उद्योग कुछ दिनों तक बंद कराने की नौबत आई थी। बाद में हीरा कारखाने और हीरा बाजार की नई गाइडलाइन से खुल गए हैं। इसके बावजूद हीरा उद्यमी अभी कारखाना शुरू करने के मूड में नहीं है। क्योंकि ज्यादातर श्रमिक कोरोना के डर के मारे और कारखाने बंद होने से फिर उत्तर गुजरात की ओर लौट गए हैं। ऐसे में हीरा उद्योग शुरू कर पाना मुश्किल लग रहा है।

महानगर पालिका की ओर से श्रमिकों में बढ़ते को रोकने के लिए धन्तवंतरि रथ शुरू किया गया है। मनपा का दावा है कि इस धन्वतंरि रथ के कारण कतार गांव में जिस तरह कोरोना के केस बढ रहे थे। उस पर काबू पाने में मनपा को सफलता मिली है।

हालाकि सूरत शहर की बात करें तो पूरे शहर में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिदिन 200 के करीब मामले आ रहे हैं और मृतकों की संख्या भी ज्यादा है। शहर के हॉस्पिटलों में भी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं आने वाले दिनों में सावधानी नहीं रखी तो परिस्थिति बिगड़ सकती है।( प्रतीकात्मक तस्वीर)