सूरत मे कोरोना के केस तेजी से बढने के कारण सूरत महानगरपालिका ने अब शहर के कई क्षेत्रों में लोगो से स्वैच्छिक बंद करने की अपील की है। मनपा शायद बंद कराने की जिम्मेदारी अपने सिर नहीं लेना चाह रही। नहीं तो मनपा के एक आदेश पर सबकुछ बंद हो सकता है
हालाकि जिन क्षेत्रों में कोरोना के केस पहले से ज्यादा वहां तो लोगोने तीन दिन पहले से ही स्वैच्छिक बंद करना शुरू कर दिया है। शहर के वराछा, कतारगमा, पूणा, रांदेर आदि क्षेत्रों में लोगो ने पहले ही दुकाने स्वैच्छिक बंद कर दी है।
कई स्थानो पर व्यापारिक संस्थाओने एक सप्ताह तो कहीं पर 31 जुलाई तक बंद करने का फैसला संगठनो ने लिया है। गुरूवार को रामनगर वेपारी संघ ने भी 31 जुलाई तक शाम के पांच बजे तक ही दुकाने खोलने का फैसला किया है। इसके पहले चौटापुल तथा अडाजण सहित कई क्षेत्रों में व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद करने का फैसला किया है।
सूरत के रांदेर जोन मेंभी बड़ी संख्या मे कोरोना के केस होने के कारण लोगो ने स्वैच्छिक तौर पर एक सप्ताह के लिए दुकाने आदि बंद करने का फैसला किया है। पालिका ने लोगों से सात दिन तक स्वंयभू बंद करने की अपील की है। पांडेसरा की दुकानो में इस अपील का अच्छा प्रतिसाद देखा गया। सूरत कोर्पोरेशन की ओर से अनाज, दूध, आदि की दुकाने 12 बजेतक ही खोलने की अपील की गई है।
उल्लेखनीय है कि शहर के हीरा बाजार और कपड़ा बाजार में बीते चार दिन से कई व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद की घोषणा कर दी है।
कैट के प्रमुख प्रमोद भगत ने बताया कि कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए हमने रिटेल व्यापारियों से दो बजे तक दुकान खोलने की अपील की थी। जिसका कई लोगों ने पालन किया। इसके कारण कई क्षेत्रों में सबेरे 10 बजे से शाम के चार पांच बजे तक दुकाने खुल रही है।