शहर में जिस तरह से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ रही हैं उसके कारण अन्य राज्यों से आए श्रमिकों में ड़र शुरू हो गया है। यदि परिस्थति यही रही तो अन्य राज्यो से सूरत लौटे श्रमिक फिर से वतन लौट जाएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत में अनलॉक- के बाद व्यापार उद्योग शुरू होने लगा था ऐसे में बीते 10 दिनों से शहर और जिलें में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ रही है। रोज 250-300 के करीब मरीज दर्ज हो रहे हैं। प्रतिदिन 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इसके बाद लोगो में मृतकों की संख्या छुपाए जाने की चर्चा भी चलने लगी है।
सूरत के कपड़ा बाजार और हीरा उद्योग में भी बड़ी तेजी से कोरोना फैलने के कारण कई शर्तो के साथ व्यापार करने की छूट दी गइ है, लेकिन कई व्यापारी खुद ही व्यापार नहीं शुरू कर रहे है। हीरा बाजार और कपड़ा बाजार दोनो ही जगह यही परिस्थति है। कुल मिलाकर एक भय का माहौल सा दिखने के कारण अन्य राज्यों से आए श्रमिकों में भी ड़र पैदा हो गया है।
उनके गांव के लोग भी फोनकर सूरत में परिस्थति खराब होने की बात कर वापिस बुला रहे है।हालाकि प्रशासन की ओर से हर मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। इसके बावजूद लोगों का भय नही घट रहा है। यदि परिस्थिति नही सुधरी तो श्रमिक फिर से पलायन कर सकते हैं।
उळ्लखीय है कि लॉकडाउन के दौरान गाव गए श्रमिको में से 70 प्रतिशत से अधिक श्रमिक अभी तक नहीं लौटे हैं और यदि अब श्रमिक फिर से लौट गए तो उद्योगों के लिए बड़ी दिक्कत होगी।
सूरत में एक बार जैसे तैसे कर व्यापार उद्योग शुरू हुआ है अभी भी कारखानों में तीस प्रतिशत ही श्रमिकों से काम शुरू हो सका है। इसलिए उद्यमी चिंतित है। वह नहीं चाहते कि किसी भी संजोगो में श्रमिकों का पलायन हो लेकिन परिस्थति बिगडी तो श्रमिकों को रोक पाना मुश्किल होगा।