सूरत
हीरा उद्योग में लंबे समय से चल रही मंदी का दौर और गहराता नज़र आ रहा है। वैश्विक अस्थिरता का माहौल तथा सोने की बढ़ती क़ीमत के कारण तैयार हीरों की डिमांड घट गई है। इसके चलते तैयार हीरा बेचने वालों को कम लाभ लेकर या बिना लाभ के हीरा बेचना पड़ रहा है। ऐसे में हीरा उद्यमियों के लिए परिस्थितियां और बिगड़ते जा रही है।
हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार है बीते दो साल से कट और पॉलिश्ड हीरों का कारोबार संघर्ष के दौर से गुज़र रहा है।पहले रूस और यूक्रेन का युद्ध और अब इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध तथा अमेरिका और यूरोप में चल रही मंदी के कारण वैश्विक स्तर पर कट और पॉलिश्ड डायमंड तथा ज्वेलरी की माँग घटी है। रही सही कसर बीते दिनों में जिस तरह से सोने की बढ़ी क़ीमत ने पूरी कर दी है।जिस तरह से सोने की क़ीमत बढ़ी उसके चलते ज्वेलरी की माँग भी प्रभावित हुई है। इसका सीधा असर कट पॉलिश डायमंड की डिमांड पर हुआ है। कट और पॉलिश डायमंड की माँग घट जाने से जिन लोगों के पास तैयार हीरों का स्टॉक है उन्हें कम क़ीमत पर ही बेचना पड़ रहा है।
हीरा उद्यमियों को आशंका है कि यदि वह तैयार हीरों का स्टॉक नहीं बेचे और क़ीमत फिर से घट गई तो नुक़सान हो सकता है। इस उलझन में कम लाभ लेकर या बिना लाभ के ही हीरा कारोबारी तैयार हीरे बेच रहे है। हीरा उद्यमियों का कहना है कि बीते दिनों में जिस तरह तैयार हीरो की माँग स्थिर रही है।इसके चलते तैयार हीरो क़ीमत में भी कोई विशेष बढ़ोतरी नहीं कर पाए थे। इसी बीच अब बिना लाभ लिए तैयार हीरा बेचना पड़ रहा है। इसके चलते छोटे और मध्यम हीरा उद्यमियों की परिस्थिति और बिगड़ गई है।यदि परिस्थिति नहीं सुधरी तो आने वाले दिनों में छोटे हीरा उद्यमियों के लिए संघर्ष और बढ़ जाएगा।
—वैश्विक अस्थिरता और सोने की बढ़ी क़ीमत का असर
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तथा इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर अस्थिरता का माहौल बना है। इसके अलावा विदेशों में मंदी के कारण भी हीरा व्यापार पर असर पड़ रहा है।हाल में ही सोने की क़ीमत जिस तरह तेज़ी से बढ़ी इन तमाम चीज़ों के चलते हीरा कारोबार प्रभावित हो रहा है।
जगदीश खूँट, प्रमुख, सूरत डायमंड एसोसिएशन