सूरत
स्थानीय कपड़ा बाजार में मंदी के चलते रेपियर विवर्स जेकॉर्ड एसोसिएशन की ओर से उत्पादन में 80 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया गया है।अन्य राज्यों मे साड़ी की डिमांड इन दिनों होने के चलते कई यूनिट पहले से ही सिर्फ एक शिफ्ट में चल रहे हैं। एक ओर पहले इसी बीच ती कीमत तथा श्रमिकों की कमी के चलते कई कपड़ा जमीनों ने सिर्फ 20% ही उत्पादन चालू रखने का फैसला किया है। जबकि 20 प्रतिशत यूनिटो मे स्वैच्छिक बंद का माहौल है।हाल में ही रेपियर जेकॉर्ड वीवर एसोसिएशन की मीटिंग हुई थी।
मीटिंग में कपड़ा उद्योग की वर्तमान स्थिति पर चर्चा विचरणा की गई। ज्यादातर उद्यमियों का कहना था कि बाजार में डिमांड की अपेक्षा उत्पादन बढ़ जाने के कारण व्यापारी कम कीमत पर माल मांग रहे हैं।राज्य के बाहर अन्य मंडियों में भी लग्नसरा का व्यापार लगभग समाप्त होने के कगार पर है।इसलिए साड़ियों का व्यापार कम हो गया है।ऐसे में ज्यादा उत्पादन करके स्टॉक करना उचित नहीं है।दूसरी और यार्न की कीमत भी लगातार बढ़ती जा रही है।ज्यादा उत्पादन करने से पूंजी भी ज्यादा फंस सकती है।तमाम चर्चाओं के बाद ज्यादातर उद्यमियों का कहना था कि जॉबवर्क के अनुसार ही उत्पादन करना चाहिए। कई उद्यमियों ने मात्र जॉबवर्क जितना उत्पादन करने पर ही अपनी राय व्यक्त की।
Hello —-500 रूपए की साड़ी इन दिनों 300 से भी कम मे माँग रहे
कई वीवर्स का कहना है कि बीते दिनों जिस साड़ी को ₹500 में बेचा गया था वही साड़ी इन दोनों डिमांड के अभाव में व्यापारी
₹300 में मांग रहे हैं।जो साड़ी 260 रूपए की थी वह 150 रूपए में माँग रहे है। कई उद्यमी इस क़ीमत मे साडी बेचने के बजाय कम उत्पादन करना सही मान रहे है।
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बिजली खर्च और किराया निकालने के लिए कम क़ीमत में बेचने की नौबत
साड़ियों की लगातार घटते डिमांड के कारण कई उद्यमियों को लाचारीवश क़ीमत घटाकर व्यापार करना पड़ रहा है। बिजली बिल तथा जगह का किराया और श्रमिकों का वेतन आदि चुकाने के लिए रूपए के इंतज़ाम के चक्कर में भी उद्यमी उत्पादन क़ीमत पर ही या बिना लाभ लिए माल बेच रहे है।
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डेढ़ महीने बाद परिस्थिति सुधरने की आसार
सामान्य तौर पर मई महीने में व्यापार ठंडा रहता है।आगामी एक डेढ़ महीने तक अभी कारोबार कमज़ोर रहेगा।इसके चलते कई उद्यमियों ने स्वैच्छिक बंद कर दिया है और कई जॉब वर्क भर का उत्पादन कर रहे हैं एक डेढ़ महीने के बाद परिस्थिति सुधर जाएगी।
सी. के. मनीया, प्रमुख, रेपियर जेकॉर्ड वीवर एसोसिएशन