सूरत के स्मीमेर हॉस्पिटल में कोरोना ग्रस्त दो मरीजों की डॉक्टर की लापरवाही के कारण मौत हो जाने का आक्षेप मृतकों के परिवार जन लगा रहे हैं। उनका आरोप है कि मरीज के पास डॉक्टर नहीं होने के कारण और ऑक्सीजन घट जाने से दो पड़ोसी वृद्धों की मौत हो गई।
घटना इस प्रकार है कि शुक्रवार की शाम को स्मीमेर हॉस्पिटल में एक साथ दाखिल हुए दो पड़ोसी वृद्धों की मौत हो गई।
दोनों पड़ोसियों के परिवार जन डॉक्टर पर आरोप लगा रहे हैं कि जिस समय मरीजों की मौत हुई। उस समय डॉक्टर वहां पर उपस्थित नहीं थे। साथ ही ऑक्सीजन भी बंद हो गया था। कापोद्रा की इश्वर कृपा सोसायटी में रहने वाले 59 और 65 वर्षीय दोनों वृध्द को श्वास की तकलीफ के कारण शंकास्पद कोरोना लगने से स्मीमेर हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था।
जहां पर कि उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था। शुक्रवार की शाम 5:30 से 6:00 बजे करीब दोनों की मौत हो गई। एक मृतक के पुत्र अजय काकड़िया ने मीडिया को बताया कि मेरे पिताजी ऑक्सीजन के लिए बाई पेप मशीन लगाई गई थी जो कि अचानक ही बंद हो गई। डॉक्टरों को बुलाकर इस बारे में बताया भी गया। लेकिन एक डॉक्टर ने कहा कि थोड़ी देर में आता हूं बोलकर चले गए थे।
हालांकि हॉस्पिटल का कहना है कि लापरवाही से मौत नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेज के डीन आरके बंसल ने मीडिया को बताया कि एक मरीज लिंबाभाई कापडिया डायबिटीज के मरीज थे और नरसी भाई मोहन भाई मांगरोलिया निमोनिया से पीड़ित थे।
दोनों को शुरू से ही वेंटिलेटर पर रखा गया। उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। स्मीमेर हॉस्पिटल के आरएमओ डॉ जयेश पटेल ने कहा कि ऑक्सीजन चालू ही था वह बंद नहीं हुआ ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है।