लॉकडाउन के बाद अनलॉक-१ में कपड़ा कारोबार फिर से धीरे-धीरे शुरू होने लगा है। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में लून्स कारखाने और डाइंग प्रोसेसिंग में काम शुरू होने लगे है लेकिन, उनको जॉबवर्क नहीं मिलने के कारण परेशान हो गए है। परिस्थिति नहीं सुधरी तो जो यूनिट शुरू हुए हैं उनमे से कुछ बंद होने की संभावना बताई जा रही है।
सूरत शहर में और जिले में कुल मिलाकर 350 डाइंग एंड प्रोसेसिंग यूनिट में से फ़िलहाल 70 यूनिट शुरू हुए थे। इनमें से 20 बंद हो चुके है। राज्यों में अभी रिटेल मार्केट नहीं शुरु होने के कारण कपड़ा व्यापारियों को बहुत कम आर्डर मिल रहे हैं। जिसके चलते प्रोसेसिंग यूनिट में जॉब वर्क का अभाव है।
प्रोसेसर का कहना है कि यदि अभी कारखाने चालू रखा जाए तो कम जॉबवर्क के कारण उत्पादन शुल्क ज्यादा लगेगा और प्रोसेससर को नुकसान भी होगा। इसलिए वह अभी उत्पादन नहीं करना चाहते।अनलॉक बंद के दौरान शुरू हुई 70 यूनिटों में से डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट फिर बंद हो गई है। और कई की हालत ख़राब है। इन सब की हालत देखकर जो यूनिट संचालक 1 जुलाई से यूनिट शुरू करना चाह रहे थे वह भी डर गए है।
साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि लॉकडाउन डाउन के बाद कारखाने शुरू हुए हैं लेकिन अभी भी परिस्थिति अच्छी नहीं है।
कारीगरों को ज्यादा पगार देना पड़ रहा है। कई यूनिटों में तो प्रतिदिन वेतन चुकाया जा रहा है। दूसरी तरफ अगर केमिकल कि व्यापारियों को तुरंत ही पेमेंट देना पड़ रहा है।
ऐसी परिस्थिति में यदि जल्दी परिवर्तन नहीं आया तो आने वाले दिनों में मुसीबत बढ़ सकती है। डीज़ल की बढ़ी क़ीमतों से सब कुछ महँगा हो जाएगा। फ़िलहाल 20 यूनिट बंद हो चुके है।