सूरत
कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन में वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखकर लॉकडाउन -२ में ई-कामर्स में सिर्फ़ आवश्यक सेवाओं को छूट देने की माँग की है।
कुछ लोग कर रहे ग़लत अर्थ घटन
मिली जानकारी के अनुसार गत रोज केन्द्र सरकार में लॉकडाउन-2 में ई-कॉमर्स सेवा शुरू करने की अनुमति दी है। कुछ लोग सरकार की गाइडलाइन का गलत वर्गीकरण करके कुछ जगहों पर ई-कॉसर्म के तहत तमाम चीज-वस्तुओं के कारोबार की अनुमति मान रहे हैं ।कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने इसका विरोध दर्ज कराया है। ई-कॉमर्स में केवल आवश्यक सेवा की अनुमति देने की सीएआईटी ने वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को अपील की है। इसके लिए संगठन ने स्पष्टीकरण भी मांगा है।
कंपनियों ने निकाला ग़लत मतलब
सीएआईटी, गुजरात चैप्टर अध्यक्ष प्रमोद भगत ने कहा कि 15 अप्रेल को गाइडलाइन जारी कर ई-कॉमर्स व्यापार को छूट दी गई है। संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि ई-कॉमर्स कंपनियां केवल आवश्यक सामान वितरित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने दिशानिर्देशों की गलत व्याख्या की है। उन्होंने व्यापारियों से आग्रह किया कि वे किसी भी मंच पर गैर-जरूरी सामान का व्यापार करने से बचें नही् तो उन्हें डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत दंडात्मक प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा।
कोरोना के बढ़ने का ख़तरा!!
इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस में सीएआईटी ने मांग की थी कि केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अनुमति देनी चाहिए। गुजरात चैप्टर के प्रमुख प्रमोद भगत ने कहा कि यदि सभी सेवाओं को ई-कॉमर्स में शामिल किया गया तो कोरोना का संक्रमण बढऩे का ख़तरा है। भगत ने कहा कि यदि किन सेवाओं पर छूट है इस पर जल्दी स्पष्टता आ जाए तो सभी को सरलता होगी।
उल्लेखनीय है कि फ़िलहाल देश में कोरोना के कारण सब कुछ बंद है। कोरोना का संक्रमण नहीं फैले इसलिए सरकार ने सिर्फ़ आवश्यक सेवा चालू रखने का फ़ैसला किया है ऐसे में कुछ कंपनियाँ सरकार की गाइडलाइन का मतलब नहीं समझ पा रही इस कारण सरकार के साथ ट्रेड के लिए भी चिंता का विषय है।