वर्तमान सप्ताह में गुप्त नवरात्रि होनेके कारण जहां एक तरफ देवी जी की कृपा प्राप्त हो रही है, वहीं आज के दिन प्रातः 10:15 के बाद चतुर्थी तिथि होने के कारण भगवान वरद विनायक की चतुर्थी का पुण्य व्रत एवं दर्शन भी आज ही हो रहा है।
दुर्वा मोदक लावा आदि के द्वारा भगवान श्री महागणपति का पूजन "ओम गं गणपतये नमः" इस मंत्र से किया जाए तो यह अति उत्तम फल देता है।
प्रातः काल से लेकर दोपहर 1:10 तक पुष्य नक्षत्र होने के कारण छोटे बालकों का पुंसवन नामकरण शिशु को तांबूल भक्षण भूमि पर पहली बार बैठाना, झूले में पहली बार बैठाना, अन्नप्राशन, बच्चे का नवीन वस्त्र धारण आदि किया जा सकता है ।
पुष्य नक्षत्र के दिन प्रश्नों की खरीदी बिक्री नवीन तैयार अन्य का भोजन शिल्प विद्या का आरंभ औषध सेवन का आरंभ मुंडन कान छिदवाना अक्षर आरंभ जनेऊ नवीन मूर्ति की स्थापना एवं व्यापारिक वाहनों के क्रय विक्रय को किया जा सकता है चतुर्थी में रोग विमुक्ति स्नान का भी मुहूर्त रहेगा ।
आज भी उत्तर दिशा में दिशाशूल होगा आज का राहु काल दोपहर 12:00 से 1:30 तक रहेगा।
दिनांक 24 जून सन 2020 दिन बुधवार की पंचांग स्थिति।
सूर्योदय स्थानीय पंचांग अनुसार 6:02 7 सेकंड पर
सूर्यास्त स्थानीय पंचांग अनुसार 19:19 17 सेकंड पर
सूर्योदय काशी के पंचांग अनुसार 5:13 पर
सूर्यास्त काशी के पंचांग अनुसार सायं 6:45 पर
तिथि स्थानीय पंचांग अनुसार तृतीया प्रातः 10:15 तक तदुपरांत चतुर्थी।
काशी के पंचांग अनुसार तृतीया प्रातः 9:52 तक तदुपरांत चतुर्थी ।
मास चंद्र पंचांग अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष।
मास सौर पंचांग अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष।
वार बुधवार
नक्षत्र पुष्य नक्षत्र दोपहर 1:10 तक तदुपरांत अश्लेषा।
योग व्याघ्र प्रातः 9:08 तक तदुपरांत हर्षण ।
करण करण प्रातः 10:15 तक तदुपरांत वाणिज करण।
ग्रहों की स्थिति प्रातः 5:30 पर ।
सूर्य मिथुन में।
चंद्र कर्क में।
मंगल मीन में।
बुध मिथुन में वक्री।
बृहस्पति मकर में वक्री।
शुक्र वृष में वक्री।
शनि मकर में वक्री।
राहु मिथुन में वक्री।
केतु धनु में वक्री।
पंडित शरद चंद्र मिश्र
m.a. संस्कृत साहित्य
ज्योतिषी एवं कर्मकांड विशारद
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