कपड़ा उधमियों की सरकार से गुहार- हमारे पैसे तो दे दो !!

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टैक्सटाइल कमिश्नर से टफ योजना की 75 प्रतिशत राशि देने की माँग
सूरत
फेडरेशन ऑफ़ इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इण्डस्ट्री ही ओर से टैक्सकमिश्नर को पत्र भेजकर सब्सिडी की राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा बिना बैंक गारंटी के देने की माँग की गई है।

टैक्सटाइल कमिश्नर को लिखा पत्र
फैडरेशन इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इंडस्ट्री की ओर से टैक्सटाइल कमिश्नर मलय चंदन चक्रवर्ती को भेजे पत्र में बताया गया है कि , कपड़ा उद्योग इन दिनों बुरी परिस्थिति से गुज़र रहा है ।लॉकडाउन के कारण कई उद्योग बंद हो चुके हैं । बीते दिनों कपड़ा उद्यमियों की टफ संबंधित 75% फाइलें पास कर चुकी हैं , जिनकी राशि तक़रीबन साढे तीन सौ करोड़ रुपये के आस पास है ।उन्हें विलंब किए बिना बिना किसी गारंटी के तुरंत ही रिलीज़ की जाए ।

रूपए मिले तो बनें बात

देशभर के कपड़ा उद्यमी ऐसी परिस्थिति में नहीं है वह बैंक गारंटी दे सकें।कपड़ा उद्योग इन दिनों भयंकर आर्थिक संकट पर जूझ रहा है ।यदि उन्हें टफ योजना के अंतर्गत फँसे रुपए मिलते हैं तो कपडा प्रेमियों को राहत होगी और मंदी के दौर से गुज़र नए में सरलता होगी ।

सूरत के उधमियों की रकम ज़्यादा
सूरत में कपड़ा उद्योग बड़े पैमाने पर होने के कारण टफ योजना में फँसे रक़म में सूरत प्रतियोगियों का बड़ा हिस्सा है। देशभर का कपड़ा उद्योग को इन दिनों भयंकर नुक़सान का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि, पहले GST के कारण कपड़ा उद्योग में मंदी का माहौल था ।इसके बाद जैसे तैसे व्यापार चल रहा था कि अचानक लॉकडाउन में बंद के कारण अन्य राज्यों का व्यापार चौपट हो गया ।

पेन्डिंग रक़म भी निकलना मुश्किल

लग्नसरा को आर्डर तो रद्द हुए लेकिन साथ ही , पुरानी बाक़ी राशि कब मिलेगी इस पर भी संशय हो गया है। क्योंकि अन्य राज्यों के व्यापारियों ने भी रिटेल मार्केट में व्यापार का कब पूर्ववत होगा यह बताने में असमर्थता बताई है।उनका कहना है कि जब व्यापार शुरू कब होगा तब पेमेंट दे दिया जाएगा ।फ़िलहाल कोरोना के कारण कपड़ा बाज़ार कब से शुरू होगा यह कह पाना किसी के लिए भी मुश्किल है।
कोरोना के कारण 2.91 लाख क्वारन्टाइन मे
सूरत में बीते तीन दिन से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने शहरीजनों की नींद उड़ा दी है। बुधवार को भी शहर में कोरोना के 16 पॉज़िटिव मामले सामने आए। शहर में बेकाबू होते कोरोना को काबू में करने के लिए मनपा प्रशासन ने प्रभावित बड़ी आबादी को क्लस्टर के दायरे में लाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को मनपा प्रशासन ने सात नए इलाकों को क्लस्टर घोषित कर दिया। इसके साथ ही शहर में अब दस इलाके क्लस्टर बनाए गए हैं। इनमें 2.91 लाख लोग क्वाराटाइन में रहने को विवश हो गए हैं।