कपडा उद्यमियों में क्यों लगाई मुख्यमंत्री की चौखट पर गुहार?

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सूरत
फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीवर एसोसिएशन ने राज्य सरकार को ज्ञापन देकर बिजली बिल के फिक्स चार्ज को दिसंबर महीने तक नहीं वसूल करने की मांग की है। साथ ही मार्च, अप्रेल, मई जून का बिल भरने की तारीख़ जुलाई तक बढ़ाने की माँग की है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क विविन इंडस्ट्री के चेयरमैन भरत गांधी ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल को पत्र लिखकर मांग की है कि, ऊर्जा पेट्रोलियम विभाग की ओर से 11 मई को छोटे और मध्यम उद्योगों को राहत देने के लिए अप्रैल महीने के बिजली बिल में एल टी कनेक्शन धारकों को मिनिमम चार्ज देने से छूट दी गई थी। उन्हें सिर्फ जितना बिजली यूज़ की हो उसकी रकम देनी थी। उसी तरह एचटी बिजली कनेक्शन वाले ग्राहकों को अप्रैल महीने में लोग डाउन के पहले के 3 महीने में इस्तेमाल की गई यदि औसतन 50% से कम हो तो मिनिमम चार्ज की भरपाई करने से छूट दी गई थी। अब उधमी यह छूट बढ़ाने की माँग कर रहे है।


उद्यमियों का कहना है कि, लॉकडाउन डाउन बढ़ा दिया गया है। जबकि दूसरी ओर व्यापार धंधे बंद है । अन्य राज्यों के श्रमिक वतन पलायन कर जाने के कारण उत्पादन नहीं हो रहा है। व्यापार धंधे में नुकसान हो रहा है। कपड़ा उद्यमियों की हालत पतली हो गई है। इसलिए एसटी और एचटी बिजली कनेक्शन वाले ग्राहकों को 31 दिसंबर तक बिजली के न्यूनतम चार्ज से छूट दे दी जाए। इससे कपड़ा उद्योग को करोड़ों रुपए का लाभ होगा। व्यापार उद्योग चलाने में राहत होगी।


उल्लेखनीय है कि सूरत का कपड़ा उद्योग इन दिनों मुश्किल के दौर से गुजर रहा है। उनके कारण व्यापार धंधा बंद है। अब अन्य राज्यों के श्रमिक चले जाने के कारण आगामी 3 महीने तक भी व्यापार की कोई संभावना नहीं दिख रही।