कपड़ा उद्योग में पिछले पेमेंट को लेकर तमाम कपड़ा घटकों का दबाव बढ़ते जा रहा है। अब तक प्रोसेसर ने व्यापारियों को लॉकडाउन के पहले के बकाया पर डेढ प्रतिशत ब्याज चुकाने के लिए कहा था। इसके बाद शनिवार को फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स एसोसियेशन की मीटिंग में बाक़ी बिल पर ब्याज लेने का फ़ैसला किया गया है।
शनिवार को फोगवा की मीटिंग में फोगवा प्रमुख अशोक जीरावाला, महेन्द्र रामोलिया, जयंती जोलवा, आशीष गुजराती, प्रदीप पटेल, रसिक कोटडिया, विजय मांगुकिया सहित बड़ी संख्या में वीवर्स उपस्थित रहे। वीवर्स का कहना था कि अब से नए नियमों के अनुसार व्यापार किया जाएगा। नए नियमों में वार्ड वार सात दिन के बाद पेमेंट करने की बात है। साथी लॉकडाउन के पहले जो बिल भेजे गए हैं उन पर डेढ प्रतिशत ब्याज के लिए कहा गया है।
फोगवा के प्रमुख अशोक जीरावाला ने बताया कि लॉकडाउन डाउन के कारण कपड़ा उद्योग इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है ज्यादातर श्रमिक अपने गांव को लौट गए हैं। लूम्स कारखाने चालू है फिर भी श्रमिकों की कमी के कारण उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके चलते शनिवार को मीटिंग में कई नए नियम बनाए हैं।
अब से व्यापार नए नियमों के तहत होगा।अब से वीवर्स को सात दिनों के बाद ग्रे का पेमेंट करना होगा। बकाया पेमेंट ब्याज के साथ चुकाना होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ज्यादातर श्रमिक अपने गांव लौट चुके हैं। उनके लिए नि:शुल्क ट्रेन चलाने की माँग करेगे
उन्हें लौटने के बाद ही उत्पादन शुरू हो पाएगा राज्य सरकार और केंद्र सरकार श्रमिकों के लिए निशुल्क की व्यवस्था की जाए ऐसी मांग करेंगे। जीरावाला ने कहा कि बिजली कंपनी मनमानी बिल दे रही है। हम इसका विरोध तक रहे है इसलिए जबतक फोगवा नहीं कहे कोई वीवर बिजली बिल नही भरेगा।