सूरत: कोरोना में आवश्यक इंजेक्शन की नकली कंपनी पकड़ाई

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कहते हैं कि कलयुग में इंसान को इंसान की कदर नहीं होगी।वैसे ही घटना सामने आ रही है। जहां कोरोना के कारण लोग लाचार हो गए हैं वहीं, दूसरी ओर कोरोना को भी एक अवसर समझते हुए लोगों को ठगने से बाज नहीं आने वाले पाँच लोगों का गिरोह पकड़ाया है।

जोकि कोरोना के लिए आवश्यक दवाई टॉसिलिजूमैब का नकली उत्पादन कर रहे थे और बाजार में कालाबाजारी करके मुंह मांगी कीमत पर बेच रहे थे। यह लोग पूरे देश में नक़ली इंजेक्शन का उत्पाद बेच रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार फूड एंड ड्रग्ग्स डिपार्टमेंट को यह जानकारी मिली थी कि सूरत में नक़ली टोसिलिजुमैब इंजेक्शन का उत्पादन किया जा रहा है।

इस पर कार्यवाही करते हुए डिपार्टमेंट ने रांदेर क्षेत्र में सोहेल इस्माइल ताई के नाम के शख्स के घर छापा मारा। छापे के दौरान के यहां से इंजेक्शन बनाने की मशीन सहित टेस्टोस्टेरोन, बोल्डेनोन, रेक्सोजीन तथा ट्रेनेक्सीप सहित कई इंजेक्शन मिले। बताया जा रहा है कि सोहेल ने अपने कंपनी का नाम जैनिक फार्मा रखा था। यहां से यह इंजेक्शन देश भर में भेजी जाती थी। उसके साथ कुछ और लोग भी जुड़े हुए थे।

मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के एक डॉक्टर ने अपने किसी मरीज के परिजन को अहमदाबाद के डॉक्टर ने टोसिलीजुमैब नाम की दवाई लाने को कहा था। उसके परिवार जन यह दवाई लेकर आए तो डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया। लेकिन उनको इस पर शक हो हो गया था। उन्होंने इस बारे में डिपार्टमेंट को सूचित किया। इस पर कार्यवाही करते हुए डिपार्टमेंट ने इस पूरे मामले का भंडाफोड़ किया है।

सामान्य तौर पर इस दवाई की कीमत 40000 बताई जा रही है, लेकिन यह बाजार में बिना बिल के बिक्री कर रहे थे। इस मामले में अभी तक पाँच लोग पकड़े गए हैं।

जिसमें की सूरत का सोहेल इस्माइल ताई, निलेश लालीवाला, अक्षय शाह, हर्ष ठाकोर और आशीष शाह शामिल है। विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और अभी इस मामले में कई अन्य लोग भी धरपकड़ की जाने की संभावना है। किसी को शक ना हो इसलिए स्माइल जेनिफर नाम की नकली वेबसाइट भी चलाता था।