कोरोना के दवा की कालाबाजारी करने वालों पर गिरी गाज!

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इसे कहते हैं की मानवता का मर जाना !एक ओर जहां कोरोना के कारण मरीज मौत की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण जरूरी दवा की कालाबाजारी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है।


मिली जानकारी के अनुसार शहर में फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट की ओर से कोरोना के लिए आवश्यक टोसिलीजोम्बा ओक्टेमरा 400 एमजी नाम की दवा ₹57000 में बिक रही होने की जानकारी पता चलने पर डिपार्टमेंट ने वहां छापा मारा।

सार्थक फार्मा में की गई कार्रवाई में 2 इंजेक्शन बरामद हुए इस सिलसिले में वहां की मालकिन उमा से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने यह दवा न्यू शांति मेडिसिन के मालिक मितुल शाह से ₹50000 में खरीदा था। यह इंजेक्शन उसे 45000 से अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में काम करने वाले घनश्याम व्यास के खाते में पैसा जमा कर प्राप्त किए थे।


जांच के दौरान पता चला कि अहमदाबाद के असारवा में केबीवी फार्मा में अमित मंछाराम नाम का एमआर ने फर्जी प्रिसक्रिप्शन का इस्तेमाल कर कई बार दवाई खरीदी थी। अब इस प्रिसक्रिप्शन के आधार पर कितनी बार दवाई खरीदी गई इसकी जांच विभाग कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण लोग तेजी से लोग मर रहे हैं। ऐसे में यह इंजेक्शन कोरोना के मरीजों के लिए अभी तक बहुत सफल रहा है।

इसे देखते हुए कुछ लोगों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है ।सूरत में इस दवाई की कमी के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। उनकी इस लाचारी का फायदा उठाकर कई लोग इनकी कालाबाजारी कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने हाल में ही 20000 टोसिलीजोम्बा नाम की इंजेक्शन को लेने का फैसला किया है। आगामी दिनों में इसकी कालाबाजारी करने वाले और लोगों पर कार्यवाही होगी।