सूरत
लॉकडाउन में लोग घर से बाहर निकलने के लिए नए नए बहाने बनाते हैं। कोई दवा के बहाने बाहर निकलता है, तो कोई बीमारी के बहाने बाहर निकल रहा है। ऐसे में दक्षिण गुजरात के पारडी में एक प्रेमी गत रात को अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए लेडीस ड्रेस पहन कर बाहर निकला था हालांकि, पुलिस ने उसे रास्ते में ही पकड़ लिया।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि बीते कई दिनों से वह अपनी प्रेमिका से नहीं मिल सका था। इसलिए प्रेमिका उसे बार-बार मिलने के लिए बुला रही थी। आखिर हितेश नाम के इस युवक ने कल अपनी प्रेमिका से मिलने का फैसला किया और रात को पंजाबी ड्रेस पहनकर पर दुपट्टा बांधकर मुंह पर निकल पड़ा।
रात के 2:30 बजे के करीब रोड पर से गुजर रहा था। इस दौरान एक अकेली औरत को रोड पर घूमता देख पुलिस ने उसे रोका और पूछताछ की। इस दौरान जब युवक ने दुपट्टा हटाया तो भांडा फूट गया।
पुलिस ने युवक को पकड़कर धमकाया तो असली मामला सामने आया। युवक ने बताया कि उसकी प्रेमिका से मिलने के लिए बार बार बुला रही थी। इसके चलते आखिर वह ड्रेस पहन कर ही अपनी प्रेमिका से मिलने निकल पड़ा।
गौरतलब है कि प्रशासन ने लोगों से बार-बार अपील की है कि जरूरी काम बाहर नहीं निकले लेकिन इसके बावजूद लोग प्रशासन की इस अपील को अनसुना कर रहे हैं और छोटे-छोटे काम से भी बाहर निकलते हैं इस कारण कोरोनावायरस और बढ़ रहा है।
मंगलवार को 50000 लोग होंगे सूरत से रवाना!
श्रमिकों के पलायन का दौर जारी है। सोमवार को बड़ी संख्या में श्रमिक रवाना होने के बाद मंगलवार को भी 31 ट्रेनों से लगभग 50,000 श्रमिक अपने गांव लौट जाएंगे। सूरत के लिए मंगलवार को जो ट्रेन चलेंगी उनमें यूपी के लिए सबसे अधिक14, बिहार के लिए 10 ट्रेन और उड़ीसा के लिए 07 ट्रेन है। इसके अलावा आंध्रप्रदेश और केरल की ट्रेन को सूरत में ठहराव दिया गया है।
अब तक यूपी बिहार झारखंड उड़ीसा सहित अन्य राज्यों के 10 लाख से अधिक श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं। रेलवे प्रशासन अपनी ओर से श्रमिकों को वतन भेजने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। राज्य सरकारों ने भी अपने श्रमिकों को बुलाने के लिए टिकट की कीमत माफ करवा दी है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन जारी है। सूरत से मंगलवार को 50,000 श्रमिक अपने गांव को लौट जाएंगे।
लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद हो जाने से परेशान श्रमिक सूरत में रहना नहीं चाह रहे। हालांकि धीरे-धीरे व्यापार उद्योग शुरू हो रहा है लेकिन, इसके बावजूद श्रमिकों ने अपना मन बना लिया है। इस बार गांव जाने वाले कई श्रमिक तो लौट कर ही नहीं आएंगे। ऐसी आशंका भी व्यक्त की जा रही है। रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 मई से लेकर अब तक श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही है।
पश्चिम रेलवे ने अब तक 1000 श्रमिक दौडाई हैं। इन ट्रेनों के माध्यम से 15 लाख से अधिक श्रमिक अपने मंजिल तक पहुंच चुके हैं। फिर भी श्रमिकों की सूची अभी तक लंबी है सूरत से अभी तीन लाख से अधिक श्रमिक अपने वतन जाने के लिए तैयार हैं।