कपड़ा उद्यमी हो रहे डिप्रेशन का शिकार, तीन चार घंटे खोलने दें दुकान

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सूरत
फेडरेशन ऑफ़ सूरत टैक्सटाइल एसोसिएशन ने मंगलवार को कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर कपड़ा उद्योग के वर्तमान परिस्थितियों से वाक़िफ़ किया और आवश्यक कई माँग की । फोस्टा ने कपड़ा मंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि बीते कई दिनों से बंद दुकान की परिस्थिति जानने के लिए दुकानें खोलने की इजाज़त मिलनी चाहिए।आवक बंद होने और बढ़ते ख़र्चों के कारण कपडा व्यापारी इन दिनों आर्थिक संकट में आ गया है। इसलिए दुकानों को क्रमश: तीन-चार घंटे पर खोलने की छूट देनी चाहिए। इससे आर्थिक संकट कम होगा।

सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन ने उधमियों की चिंता और बढ़ा दी है।कपड़ा उद्यमी श्रमिकों का पगार, दुकान का किराया, बिजली क़ा बिल, किस तरफ़ चुकाएंगे इसे लेकर चिंता हो रही है।इसके लिए गृह मंत्रालय से गाइडलाइन जारी कराई जाए।कपड़ा उद्योग के लिए प्रोत्त्साहक नीति बनायी जाए और तुरंत अमल किया जाए।गुजरात में कपड़ा का कारोबार बड़े पैमाने पर फैला हुआ है।

इसलिए गुजरात में कपड़ा मंत्रालय बनाया जाए और सूरत में कार्यालय खोला जाए।यहाँ पर गारमेन्ट्स उधोग के विकास के लिए सूरत के फ़्री ट्रेड ज़ोन के तौर पर घोषित किया जाए।इसे फ़्री ट्रेड के तौर पर घोषित करने से यहाँ पर यह कारोबार के लिए नए लोग आएंगे। कुछ समय पहले तक सूरत में कई महिलाएँ घर पर साडियों में छोटा छोटा जॉबवर्क का काम करते थी। जो कि अब बंद है। महिलाएँ भी काम करने के कारण प्रति व्यक्ति आय में सूरत ऊपर था।इसलिए घर पर जो महिलाएँ काम करती है।

उन्हें गृह उधोग का दर्जा मिले और बैंक से ऋण की व्यवस्था होनी चाहिए। सूरत में कार्गो टर्मिनल की व्यवस्था होनी चाहिए और सूरत में टैक्सटाइल यूनिवर्सिटी बननी चाहिए।जीएसटी काउन्सिल से मंज़ूरी लेकर कपड़ा उधोग के लिए अलग से विशेष क़ानून बनाने की मंज़ूरी मिलनी चाहिए।कपड़ा उधोग में काम करने वाले श्रमिकों विशेष तौर पर महिलाओ को प्रशिक्षित करने के लिए सेमिनार का आयोजन करना चाहिए।

सरकार से दो से पाँच करोड़ तका का टर्न ओवर वाले व्यापारियों को कम दर पर लोन मुहैया कराने, मुद्रा योजना के तहत लोन देने, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के कई टैक्स से छूट, लॉकडाउन के पीरियड के बैंकों का ब्याज माफ़ करने की माँग की है। इसके अलावा आईटीसी-04 रद्द करने की गुहार लगाई। विदेश से आनेवाले कपड़े पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ानी चाहिए। कपड़ा व्यापारियों को लघू, सूक्ष्म, मध्यम उधोग का दर्जा मिलना चाहिए।

फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि यदि सरकार कपड़ा उधमियों की यह माँगे मान लेती है तो परेशान कपड़ा व्यापारियों को कुछ राहत होगी।