लॉकडाउन खुलने से पहले कपड़ा मार्केट को करो सैनेटाइज नही तो…..

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सूरत 
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने लॉकडाउन के पहले सूरत के 180 कपड़ा मार्केट को संक्रमण मुक्त कराने के  लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर व्यवस्था करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
फोस्टा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि मार्केट क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में पॉजिटिव मामले सामने आने के कारण कपड़ा मार्केट के करीबी क्षेत्र कोरोना प्रभावित है। मार्केट के आसपास के कुछ क्षेत्रों को रेडजॉन घोषित किया गा है। इसलिए मार्केट क्षेत्र में व्यापारियों को कई आशंकाए हो रही है। इसे देखते हुए सावधानी के तौर पर प्रशासन को 180 मार्केट की सफाई और सेनेटाइज करना चाहिए।

बड़ी संख्या में आते है लोग इसलिये खतरा…..

लॉकडाउन खुलने के बाद बडी संख्या में अन्य राज्यों के व्यापारी आएंगे। वीवर्स, एम्ब्रॉयडरीतथा वेल्युएडिशन आदि के लिए बड़ी संख्या में लोग एक साथ आएंगे। ऐसे में लॉक़डाउन के दौरान यदि मार्केट में सफाइ और सेनेटाइजेशन का काम हो जाए तो अच्छा होगा।  इसके लिए मार्केट एसोसिएशन से क्या अपेक्षा है वह भी बताने को कहा है। 

—-कोरोना दोबारा भी हो सकता है
कोरोना संक्रमण को लेकर डबल्यूएचओ ने ऐसी बात कह दी है कि जो सच में किसी का भी दिमाग खराब करने के िलए काफी है। दरअसल बात ऐसी है कि डबल्यूएचओ ने यह कहा है कि कोरोना से ठीक होने वालों के लिए इस बात कि कोई गारंटी नहीं है कि कोरोना उन्हें वापिस नहीं होगा।
संयुक्त राष्ट्र ने जो लोगो कोरोना से ठीक हो जा रहे हैं ‌उन्हें कोरोना से ठीक होने का प्रमाणपत्र दिए जाने पर चेतावनी देते हुए कहा है कि यह रोग दोबारा लौट सकता है। डबल्यूएचओ ने इश बारे में सरकारों को भी चेता दिया है।
डबल्यूएचओ का कहना है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं उनमें वायरस एन्टिबॉ़डिज होते हैं। इसके बावजूद उनके रक्त में कोरोना का मुकाबला करने की क्षमता कम होती है। दक्षिण अफ्रीका में हाल में ही चिली में कोरोना से ठीक हुए लोगों को कोरोना सर्टिफिकेट दिए जाने की बात है इससे संबंधित व्यक्ति ठीक है और उसकी रोग प्रतिकारक शकित ठीक है यह साबित होगा। डबल्यूएचओ ने कहा कि एन्टबॉडी के बारे में उनका अभ्यास जारी है। अभी तक दुनिया में कोरोना के वायरस से लगभग 28,31, 590 लोगों को संक्रमण लग चुका है। इसमें 197000 लोगों की मौत हो चुकी है और आठ लाख से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं।