सूरत
कोरोना मे लॉकडाउन के कारण व्यापार-उधोग आदि सब कुछ बंद होने के कारण श्रमिक वर्ग की आर्थिक हालत खराब हो गई है। उनके साथ महिलाओं की हालत भी खराब हो गई है। क्योंकि कई क्षेत्रों में श्रमिक वर्ग की महिलाओं को सैनिटरी पैड नहीं मिल पा रहा। कोर्पोरेटर असलम सायकलवाला ने स्लम क्षेत्रों की महिलाओ को सैनिटरी पैड देने की मांग की है।
कोर्पोरेटर ने बताया कि सूरत में , कोविद -19 के बाद, 22 मार्च से सूरत शहर में खुदरा श्रम करने वाले गरीब-मध्यम वर्ग के श्रमिकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। स्लम क्षेत्र की बहनें लॉकडाउन के कारण बाहर नहीं निकल पाने से मासिक धर्म सेनेटरी पैड नहीं पा रही है। इसलिए कांग्रेस पार्षद असलम साइकिलवाला ने इन क्षेत्रों में सैनिटरी पैड आवंटित करने के की मांग की है, लेकिन सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि महिलाएं लॉकडाउन के कारण अपने मासिक धर्म के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले “सैनिटरी पैड” खरीदने नहीं जा पा रही हैं । इसके अलावा, स्वास्थ्य केंद्र इन महिलाओं में से कई के निवास से दूर है ।इसलिए वहां से भी पैड लेने नही जा पा रही है।
कई मेडिकल स्टोर भी लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण बंद हैं। साइकल वाला ने बताया कि सूरत नगर निगम से महिलाओं को कठिनाइयों का सामना करना नही पड़े इसलिए सैनिटरी पैड देने के लिए कई बार मांग की है। इस मामले को गंभीरता से लेंने और तुरंत सूरत शहर के सभी स्लम क्षेत्रों, ईडब्ल्यूएस हाउसिंग-टेनामेंट और आंगनवाड़ी बहनों-आशा वर्कर द्वारा गरीब और मध्यम वर्गीय महिलाओं को “सेनेटरी पैड” के मुफ्त वितरण की व्यवस्था करने की माँग की है ।