सूरत में पहली गारमेंट कटिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध!

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सूरत

FASHIONOVA, जिसे इसी साल भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया की मान्यता प्राप्त हुई, अपने अथक प्रयासों से भारत के टेक्सटाइल क्षेत्र सूरत में पहली गारमेंट कटिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध कराई है।सर्वव्यापी महामारी के दौरान यह मशीन प्रतिदिन 3000 PPE Kit का उत्पादन करने में सहयोग प्रदान कर रही है।तथा यह मशीन PPE Kit के उत्पादन के लिए एक वरदान साबित हुई है।

डॉक्टर, नर्स, पुलिस कर्मचारी, SMC कर्मचारी व अन्य कई ऐसे विभाग जहां PPE Kit की जरूरत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।ऐसे समय में FASHIONOVA के संचालक अनुपम गोयल का कहना है कि उनकी पूरी टीम इस मशीन की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे यह जरूरत और जल्द पूरी की जा सके।


इस मशीन के माध्यम से, आज के समय की पहली प्राथमिकता सोशल डिस्टेंसिंग, का भी पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है। जो कर्मचारी इस मशीन को चला रहे हैं।वह दूर-दूर रहकर मशीन पर कार्यरत है।यह मशीन फेस मास्क के लिए कपड़ा काटने में भी पूर्ण रूप से सक्षम है।
इस मशीन के माध्यम से किसी भी तरीके का कपड़ा कम से कम wastage से काटा जा सकता है व शीघ्र उपलब्ध कराया जा सकता है ।

कपड़ा उधमियों के लिए खुली नई राह!!!!

कहते है कि आवश्यक अविष्कार की जननी है। देशभर के कपड़ा उधोग के लिए यह कहावत बिल्कुल सही साबित हो रही है। देशभर के कई सक्षम कपड़ा उत्पादकों ने साड़ी, ड्रेस और गारमेन्ट्स आदि का उत्पादन छोड़कर पीपीई किट और मास्क के उत्पादन में जुट गए है।

देश-दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ने के कारण वैश्विक स्तर पर पीपीई किट और मास्क की डिमांड है। एक ओर जहां साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स आदि की डिमांड कम हो गई है वहीं दूसरी ओर पीपीई किट और मास्क का उत्पादन करने वालों के लिए कमाई का रास्ता खोल दिया है।सूरत, अहमदाबाद, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल दिल्ली, राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में कपड़ा उधमियों ने मास्क और पीपीई किट बनाना शुरू कर दिया है।
देशभर में १२५ से अधिक कंपनियों ने पीपीई किट का उत्पादन शुरू कर दिया है। पीपीई किट सफल है या नहीं यह प्रमाणित करने के लिए केन्द्र सरकार की मान्य लैबोरेटरी से सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। कई कंपनियाँ इसके लिए कगार में है। बताया जा रहा है कि ५० से ज़्यादा कंपनियों मे पीपीई किट के लिए प्रस्ताव भेजा है।
पीपीई किट और मास्क बनाने के बाद उत्पादक इसे केन्द्र सरकार को बेचते है। सरकार इसका आवश्यकतानुसार उपयोग करती है। आनेवाले दिनों में इसकी बड़े पैमाने पर डिमांड होने की संभावना है।
सूरत के उधमियों ने किया वायरस और बैक्टीरिया प्रूफ़ सुट का अविष्कार !
हमेशा कुछ नया करने वाले सूरत के कपड़ा उद्यमियों ने कोरोना के मुसीबत के समय को मौके में बदल दिया है। सूरत के कपड़ा उद्यमी अब कोरोना से लड़ने के लिए काम करने वाले फ़्रंट लाइन वारियर्स के उपयोग में आने वाली पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन किट )का उत्पादन करने में जुट गए हैं।