सूरत
कोरोना के कारण देश भर में लॉकडाउन की परिस्थिति है। सूरत के हीरा बाज़ार में पिछले एक सप्ताह से कारख़ाने बंद है। इसका असर हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों पर पड़ रहा है । हीरा उधोग में काम करने वाले कई श्रमिक लॉकडाउन के परिस्थिति में भी किसी न किसी तरह उत्तर गुजरात की ओर निकल पड़े हैं,लेकिन कई श्रमिक अभी भी सूरत में ही है ।
ज़्यादातर हीरा श्रमिकों के पास घरखर्च चलाने के लिए भी रुपया नहीं होने की शिकायत मिलने से जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने हीरा श्रमिकों के लिए पच्चास करोड़ रुपये दिए हैं ।मिली जानकारी के अनुसार काउंसिल ने यह रुपया कोरोना के कारण सर्जित परिस्थिति के चलते लाचार हीरा श्रमिकों के लिए और कोरोना के लिए आवश्यक मेडिकल साधन सामग्री और दवाए ख़रीदने के लिए दिए हैं।
50 करोड़ रुपये किसतरह जरूरतमंदों में बाँटे जाएंगे यह तय करने के लिए काउंसिल ने एक कमेटी भी गठित की है। कमेटी में गुजरात रीजन के चेयरमैन दिनेश नावडिया भी शामिल है।काउंसिल ने सभी व्यापारिक संगठनों और बड़े उद्यमियों से कोरोना के कारण देश में बन रही गंभीर समस्या के समय में इंडस्ट्री के साथ आने का आह्वान किया है उल्लेखनीय है कि यह सूरत का हीरा उधोग पहले से मंदी के दौर से गुजर रहा था। पिछले कई दिनों से हीरा उद्योग में नीरसता का माहौल था इसके बाद अब कोरोना के कारण हीरा उद्योग बंदा है एक के बाद एकआ रही समस्याओं ने हीरा उद्योग की कमर तोड़ दी है।