जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल की ओर से घरेलू ज्वैलर्स और हीरा उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के आशय से आयोजित किए जाने वाला इन्डियन इन्टरनेशनल ज्वैलरी शॉ को स्थगित कर दिया गया है। यह शो अगस्त महीने में होने वाला था जो कि अब जनवरी-21 में करने पर विचार किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार भारत सहित दुनियाभर मे कोरोना ने महामारा फैला रखी है। संक्रमण से फैलने वाली इस बिमारी से बचने के लिए बारबार सरकार की ओर से सोशल डिस्टैंस का पालन करने, मास्क पहनने तथा बार बार हाथ धोने की अपील की जा रही है।
कोरोना की गंभीरता को समझते हुए जीजेईपीसी ने आईआईजेएस के शो को स्थगित करने का फैसला किया है। जीजेइपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने बताया कि हम आने वाले दिनों में सबकी सुरक्षा के साथ शो का आयोजन करेंगे। हम कोरोना के कारण किसी की सुरक्षा के समझौता नहीं करना चाहते।
जीजेइपीसी के वाइस चेयरमैन विपुल शाह ने बताया कि 2021 में बड़े पैमाने पर शादी-ब्याह हैं। जो इस साल स्थगित हुए हैं वह भी होंगे। इसलिए ज्वैलरी की अच्छी डिमांड रहने की उम्मीद है।
जीएसटी का रिटर्न फ़ाइल करने की समय सीमा बढ़ी
जीएसटी के साल पूरे होने पर सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। जीएसटी विभाग की ओर से जारी एक परिपत्र के अनुसार सरकार ने जिन लोगों ने लॉकडाउन के बाद फरवरी से जून मही तक क जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल नही किया था। उनसे पैनल्टी की महत्तम राशि घटाकर 500 रूपए तक कर दी है।
अब तक यह राशि तीन महीनों की कुल मिलाकर 9800 रूपए के करीब पहुंच रही थी।
यह राशि 30 सितंबर तक ही होगी। उसके बाद वास्तविक ड्यू डेट से लेट फीस की गिनती की जाएगी। यदि किसी महीने में नील रिटर्न फाइल किया है तो पैनल्टी नहीं भरनी होगी।
सीए राजेश भाउवाला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की लॉकडाउन के दौरान व्यापार उद्योग बद रहने के कारण लोग अपनी दुकान, ऑफिस और प्रतिष्ठान तक नहीं पहुंचे। ऐस मे रिटर्न फाइल नहीं कर सके थे। ऐसे में लेट रिटर्न फाइल करने पर पैनल्टी माफ करने से व्यापारियों को राहत मिलेगी। नए नोटिफकेशन के अनुसार जिन लोगो ने जुलाई-17 से जनवरी 2020 तक जीएसटीआर-3बी बाकी हैं उनके लिए भी लेट फीस माफ कर दी गई है। भाउवाला ने यह भी बताया कि इस दौरान कुछ लोगों ने पैनल्टी चुका दी है उन्हें रिफंड की व्यवस्था चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस फैसले के कारण व्यापारियों को बड़ी राहत होगी। सूरत की बात करें तो लॉकडाउन के कारण कपडा बाजार पूरा बद रहा था। इस कारण व्यापारियों के रिटर्न नहीं फाइल हुए थे। व्यापार नहीं चलने के कारण व्यापारी पहले से परेशान थे ऐसे में लेट रिटर्न फाइल करने पर पैनल्टी के प्रावधान से व्यापारी चिंतित थे, लेकिन व्यापारियों को अब लेट फीस नहीं चुकानी होगी।