लॉकडाउन बढ़ा तो सूरत में करना होगा यह इंतज़ाम नहीं तो…

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सूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद लॉकडाउन के बारे में चर्चा की। कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ा दिया जाए इस पर भार दिया।संभावना व्यक्त की जा रही है लॉकडाउन दो सप्ताह तक बढ़ाया जा सकता है।

श्रमिकों के लिए करनी होगी व्यवस्था
शनिवार की रात श्रमिकों ने लसकाणा में जिस तरह धमाल किया वह देखने के बाद लॉकडाउन बढ़ने के बाद सूरत में श्रमिकों के लिए भोजन आदि की और बेहतर व्यवस्था का इंतज़ाम करना पड़ेगा। क्योंकि कारखाने एक महीने से बंद होने के कारण उनके पास अब रूपए नहीं हैं। उनके वतन से भी परिवार जनों का फ़ोन आ रहा है ऐसे में वह वतन जाना चाहते हैं।

पांडेसरा और लसकाणा में कर चुके हैं हंगामा

पांडेसरा थाना क्षेत्र में श्रमिक पहले भी हंगामा कर चुके हैं। कल रात तो लसकाणा में भी श्रमिकों ने हंगामा किया ।ऐसे में प्रशासन को और कड़ा इंतज़ाम करना पड़ेगा।बताया जा रहा है कि चार राज्यों में लॉकडाउन बढा दिया गया है।जबकि कई राज्य लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है।

कई राज्य लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में

शनिवार शाम को महाराष्ट्र, बंगाल में लॉकडाउन बढ़ाने का फ़ैसला किया है । इससे पहले पंजाब और ओडिशा ने भी लोकडाउन बढ़ाने का फ़ैसला कर लिया है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाना देश के हित में होगा इसलिए कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ा देना चाहिए।

बढ रहें है कोरोना के मरीज
लॉकडाउन समाप्त होने में दो दिन नहीं बचे हैं लेकिन करोना के मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए लॉकडाउन अभी और बढ़ेगा ऐसी अटकलें हैं ।बेहद इसके साथ ही प्रशासन को जो श्रमिक रोज़ कमाकर खाते हैं ।उनके लिए भी व्यवस्था करनी होगी हालाँकि राज्य सरकार और सामाजिक संस्थाओं की ओर से श्रमिकों के लिए राजस्थान के हर भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है ।लेकिन कुछ क्षेत्र में श्रमिकों को दिक़्क़त की शिकायतें आ रही है।

लघुत्तम वेतन देने की मांग

सूरत में कपड़ा उद्योग हीरा उद्योग और एम्ब्रॉयडरी आदि में कुल मिलाकर 20 लाखसे अधिक श्रमिक काम करते हैं। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के रीजनल चेयरमैन दिनेश नावडिया ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें कंपनी संचालक लघुतम वेतन दें ऐसी माँग की है ।क्योंकि कई कारख़ाना संचालक उन्हें बंद दिनों का वेतन नहीं दे रहे हैं ।ऐसे में श्रमिक बिना पैसे और भोजन की व्यवस्था के यहाँ कितने दिन टिक पाएंगे।