सूरत
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं।ऐसे में आयकर तथा जीएसटी विभाग में वसूली तेज शुरू कर दी है। हाल में ही आयकर विभाग ने कपड़ा कारोबारी, डॉक्टर तथा सिक्योरिटी एजेन्सी पर सर्च की कार्रवाई की थी। इसके बाद अब जीएसटी विभाग ने जिन करदाताओं ने अपनी दुकान या व्यापार बंद करके अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है या बिल्कुल कारोबार बंद कर दिया है लेकिन जीएसटी नहीं चुकाया है। ऐसे व्यापारियों को ट्रेस करके डिपार्मेंट नोटिस भेज रहा है। जीएसटी विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी डिपार्टमेंट के पास जो इन्टेलिजन्स सिस्टम मौजूद है। उसे डिपार्टमेंट को करदाता के बारे में लगातार जानकारी मिलते रहती है। जिन करदाता का पेमेंट समय पर नहीं मिल रहा है या जो रिटर्न समय पर नहीं फाइल कर रहे हैं। ऐसे तमाम व्यापारियों को ट्रेस किया जा रहा है और उन्हें नोटिस भेज कर रिटर्न फाइल करने तथा टैक्स चुकाने के लिए कहा जा रहा है।हालांकि डिपार्टमेंट के सामने दिक़्क़त यह भी है कि कई व्यापारियों ने दुकान बंद तो कर दी है अब उन्हें ढूंढ पाना डिपार्टमेंट के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा हो रहा है। हालांकि कई व्यापारी ऐसे भी हैं कि जिन्होंने सिर्फ अपना स्थान बदला है लेकिन व्यापार चालू है। ऐसे व्यापारियों को डिपार्मेंट कई माध्यमों से ढूंढने का प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि नियम के अनुसार यदि किसी व्यापारी को अपना व्यापार बंद करना हो तो उसे जीएसटी विभाग को जानकारी देकर साथ ही अपने जीएसटी संबंधित तमाम जवाबदारी चुकाने के बाद व्यापार बंद करना चाहिए नहीं तो जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से रिटर्न फाइल करने के लिए नोटिस आ सकते हैं।
बडी संख्या में नोटिस वापिस आए
जीएसटी विभाग की ओर से जो नोटिस भेजे जा रहे हैं। इनमें से ज़्यादातर वर्ष 2018-19 या 2019-20 के हैं। इन दिनों कोरोना काल के समय कई व्यापारी रिटर्न नहीं कर पाए थे। बड़ी संख्या में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थी।विभाग की ओर से जो नोटिस भेजे गए हैं।उसमें से बड़ी संख्या में वापिस आ रहे हैं अब विभाग ऐसे व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन रद करने की कार्रवाई आगे बढ़ा सकता है।
एडवांस टैक्स कम चुकाने वालों पर आयकर की पैनी नज़र
आयकर विभाग ने जो करदाता एडवांस टैक्स कम भर रहे हैं या सेल्फ़ एसेसमेन्ट टैक्स कम भर रहे हैं उन पर पैनी नज़र रखी है।आयकर विभाग ने बीते दिनों इस बारे में कई करदाताओ को पत्र भेजकर इस बारे में जानकारी भी माँगी थी।