डेस्क
कोरोना ने जहां दुनिया को एक बार महा मुसीबत के भंवर में डाल दिया है, वहीं अब संकटमोचक बनकर गुजरात दुनिया की फलक पर छा गया है। गुजरात से कोरोना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाई हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन अब दुनिया के अन्य देशों में निर्यात की जाएगी।
अमेरिका ने भारत से हाइड्रो क्लोरोक्वीन के लिए मदद मांगी थी, जिसके लिए भारत तैयार होने की बात सामने आ रही है।गुजरात की तीन कंपनियों में फिलहाल इस दवा का उत्पादन हो रहा है, और जल्दी ही यहां से अमेरिका के लिए निर्यात किए जाने की संभावना है।
फिलहाल गुजरात की तीनों कंपनियों में उत्पादन हो रहा है,जहां कि जल्दी ही 2500000 टन दवा का उत्पादन होने लगेगा। तीनों कंपनियों ने गुजरात के लिए एक करोड़ हाइड्रो क्लोरोक्वीन का स्टॉक रख लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले ही कोरोना से लड़ने के लिए अमरीका ने भारत सरकार से मदद मांगी थी और निर्यात पर छूट देने को कहा था। इसे लेकर भारत और अमेरिका के बीच कुछ माहौल गर्म भी हो गया था ।क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध अच्छे हैं।लेकिन यदि भारत जल्दी हाइड्रोक्लीन नहीं भेजता तो उन्हें आश्चर्य होगा।
इस बात को लेकर अमेरिका और भारत में कुछ माहौल बिगड़ गया था। हालांकि इसके बाद भारत ने जरूरतमंदों को दवा निर्यात करने की बात कही थी ।भारत ने कहा कि वह सबसे पहले अपने घरेलू खपत को ध्यान में रखेगा ।इसके बाद आवश्यकता के अनुसार दूसरे देशों पर निर्यात के लिए सोचेगा।
आपको बता दें कि ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी भारत से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा की मांग की है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मदद का आश्वासन दिया है।इसके चलते ब्राजील ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें कि इस मदद के लिए मोदी की तुलना रामायण में संजीवनी लेकर पहुंचे हनुमान जी के साथ की गई है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा गुजरात में तीन कंपनियां बनाती हैं जिसमें की अहमदाबाद वडोदरा और वलसाड की कंपनियों का नाम आता है।
अमरीकी राष्ट्रपति ने भारत की ओर से दवा निर्यात किए जाने के फ़ैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों की जमकर तारीफ़ की है