सूरत
सूरत से उड़ीसा में लग्जरी बस लेकर गए बस ड्राइवर वहां पर फस गए हैं।ओडिशा सरकार ने वहां पहुंचने के बाद इन सभी ड्राइवरों को एक गार्डन में उनकी बसें खड़ी कर रुकने का आदेश दिया है।इसके बाद से उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाने की शिकायत आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है एक वीडियो में 20ड्राइवर एक साथ खड़े होकर यह शिकायत कर रहे हैं कि उड़ीसा में वह सूरत के उड़ीसा वासियों को लेकर गए थे।इसके बाद राज्य सरकार ने ओडिशा वासियों को एक स्कूल में क्वॉरेंटाइन कर दिया जबकि, इन बस ड्राइवरों के लिए एक बड़े से गार्डन में बस खड़ी करने की व्यवस्था है और इन ड्राइवरों को भी वहीं रहने का निर्देश दिया गया है।इसके चारों ओर पुलिस और एसआरपीके जवान खड़े किए गए हैं ।
अर्थात की एक तरह से इन्हें भी क्वॉरेंटाइन किया गया है।लेकिन इनके लिए खाने पीने की व्यवस्था नहीं होने से यह परेशान हो गए हैं।इन्होंने वीडियो वायरल कर के राज्य सरकार से इनकी मदद करने की गुहार लगाई है।इनका आरोप है कि इन से 200 ₹200 भी वसूले जा रहे हैं ड्राइवरों का कहना है कि हम तो ओडिशा वालों की मदद करने के लिए उन्हें सूरत से उड़ीसा लेकर आए थे लेकिन हमें क्या पता था कि यहां की सरकार हमें रोक लेगी ।यहां पर लॉकडाउन डाउन होने के कारण हमारी बसें नहीं निकलने दे रहे हैं यदि खाली बसे नहीं निकलने दे रहे तो भरी हुई बातें क्यों लाने दिए थे इस तरह का आक्रोश ड्राइवरों में दिख रहा है। इनमे सूरत, बड़ौदा सहित गुजरात के कई शहरों के ड्राइवर होने की चर्चा है।
लाखों हीरा श्रमिकों के लिए आई ख़ुश खबर !
सूरत के हीरा उधोग में काम करने वाले लाखों हीरा श्रमिकों को राज्य सरकार के इस फ़ैसले से राहत मिलेगी। अब वह अपने वतन जा सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने गत रोज एक जिला में से दूसरे जिले में जाने के लिए मंजूरी दे दी हैं। आज से ऑनलाइन अर्जी की जा सकेगी। इसके चलते सूरत में रहने वाले पाँच लाख से अधिक हीरा श्रमिकों को सीधा लाभ होगा। वह अपने वतन जा सकेंगे। उनके लिए ओलपाड, अंकलेश्वर और जंबूसर से उनके गांव भेजने की कार्यवाही की जाएगी।
लॉकडाउन के कारण हीरा उधोग बंद हो जाने ले लाखों हीरा श्रमिक बेरोज़गार हो गए है। हीरा श्रमिकों के संगठनों ने बीते दिनों कई बार राज्य सरकार से हीरा श्रमिकों को लिए निःशुल्क बस चलाने की माँग की थी।
श्रमिकों की माँग को देखते हुए राज्य सरकार ने एसटी बस की व्यवस्था करने का फ़ैसला किया है। हीरा श्रमिकों से सिंगल किराया लिया जाएगा।जिन्हे वतन जाना हो वह 30 लोगों की सूची बनाकर एसटी विभाग को दें।
सूरत से लोगों को यदि निजी बस में जाना हो तो 400 किलो मीटर प्रवास के लिए ₹1000 चुकाना होगा, जबकि 500 किलोमीटर के लिए 1200 चुकाने होंगे यदि 500 किलोमीटर से अधिक तो ₹1500 चुकाना पड़ेगा। सोमवार को मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सूरत के हीरा श्रमिकों को अपने वतन में जाने देने के लिए कई बार गुहार लगाई थी। सौराष्ट्र के लोगों को गांव जाने के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है। कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर मंत्री किशोर कानाणी, नगरपालिका कमिश्नर,एम एस पटेल डीसीपी सूरत, डीवायएसपी सूरत और डिप्टी कलेक्टर इस कमेटी में शामिल है।