ऐसा ही रहा तो सूरत से गए श्रमिक नहीं लौटेंगे!

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सूरत में कपड़ा कारोबार धीरे-धीरे शुरू होने लगा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अनलॉक-१ के दौरान कई शर्तों के साथ व्यापार उद्योग खोलने की छूट दे दी गई है लेकिन, सूरत में अभी 15% से भी कम श्रमिक होने के कारण व्यापार नहीं शुरू हो सका है। कई क्षेत्रों के कारखान में तो सप्ताह में 2 दिन छुट्टी देने की नौबत आ गई है।

कई क्षेत्रों में लूम्स कारखाने सिर्फ एक कारखानों के मालिकों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो कारखाने बंद कर देने पड़ेंगे। यूपी ,बिहार उत्तराखंड, ओडीशा जा चुके श्रमिक अब वापस नहीं लौट रहे हैं।

बीते दिनों गुजरात में कोरोना की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण राजस्थान में गुजरात से जुड़ी हुई अपनी सीमाएं बंद कर दी थी इसके चलते गुजरात में लोक डाउन बढ़ने की अफवाह बहुत जोर से चली थी। यह अफ़वाह अन्य राज्यों में पहुंचने के कारण जो श्रमिकव आना चाहत थे। वह भी अपने गांव में रुक गए हैं। उनका कहना है कि अब वह 15 दिन तक परिस्थिति देखने के बाद ही सूरत लौटेंगे कई श्रमिकों ने तो सूरत वापस लौटने का मन मोड़ लिया है।

ऐसे में सूरत के उद्योगों को श्रमिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है जिस तरह से कोरोना का अंक बढ़ता जा रहा है।उस कारण लोगों में खुद ही लॉकडाउन बढ़ेगी ऐसी आशंका और प्रबल होते जा रही है। इस बीच केंद्र सरकार के निर्णय के कारण राज्य सरकारों ने जो श्रमिक बच गए थे उन्हें गांव भेजने के लिए ट्रेन की व्यवस्था फिर से शुरू की है। इसके कारण भी लोगों में और वह सोच लिया है कि शायद फिर से लोग डाउन शुरू हो सकता है।

इन तमाम हालात के बीच अन्य राज्यों के श्रमिक फिलहाल तो अपने गांव में ही रुक गए हैं। उनका कहना है कि एक बार बार लॉकडाउन में फंसे थे और जैसे-तैसे बचकर निकल कर आए थे लेकिन अब दुबारा लॉकडाउन में नहीं फंसना चाहते।