बिहार के पटना में एक हाथी के मालिक ने अपनी जान बचाने के अवेज में अपनी करोड़ों की संपत्ति अपने दो हाथियों के नाम कर दी। इस व्यक्ति ने अपनी दो वसीयत में अपने दो पालतू हाथियों का नाम लिखा है।
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार पटना के फुलवारीशरीफ के जानीपुर निवासी और ऐरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक 50 वर्षीय अख्तर इमाम ने अपने हिस्से की संपत्ति अपने दो पालतु हाथी (मोती और रानी) के नाम कर दी है।
उनसे नाराज घर के लोग ही इमाम के दुश्मन बन गए हैं। जिसे लेकर वह लगातार पुलिस थाने से लेकर डीजीपी तक अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।
अख्तर ने कहा कि उसके बेटे ने ही प्रेमिका के पास से दुष्कर्म का गलत आरोप लगाकर उसे जेल भेजा था, किंतु जांच में पुलिस को पता चला कि ये आरोप तथ्यहीन है। पिता का आरोप है कि उसके बेटे ने पशु तस्करों के साथ मिलकर उनके हाथी को बेचने की भी कोशिश की थी, किंतु वह पकड़ा गया। इसलिए वसीयत के अनुसार, यदि उनके पहले या बाद में हाथी नहीं रहा तो भी परिवार के एक भी सदस्य को एक रुपया भी नहीं मिलेगा।
अख्तर ने कहा कि 12 वर्ष की उम्र से ही वह हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद के कारण लगभग 10 वर्ष पहले उनकी पत्नी, दो बेटे और बेटी के साथ मायके रहने चली गई थी। बड़े बेटे मेराज की गलत आदतों के कारण उन्होंने उसे अपनी हरेक संपत्ति से बेदखल कर दिया। पत्नी को आधी संपत्ति सौंप दी और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ संपत्ति (खेतों-मकान और बैंक बैलेन्स) को ऐरावत संस्था के दो हाथियों के नाम कर दिया।
अख्तर के निधन के बाद यदि इन दोनों हाथियों की मौत होती है तो उनकी संपत्ति संस्था को सील जाएगी।
अख्तर ने कहा कि एक बार उन्हें मारने की भी कोशिश की गई। हाथी ने रात को पिस्तौलधारी व्यक्ति को अख्तर के रुम की खिडक़ी के पास जाते देखा तो हाथी शोर मचाने लगा। इससे वह सतर्क हो गए और बच गए।