सूरत: रोज बढ रहे मृतक,रविवार को कोरोना से 15 मरे, 251 नए केस

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कोरोना के कारण शनिवार को 13 लोगों की मौत के बाद रविवार को 15 लोगों की मौत हो गई। अब तक कुल 329 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से 37 जिले में से हैं। सूरत में रविवार को 251 कोरोना पॉजिटिव केस आए।

इनमें से 205 और जिले के 46 है। अब शहर में कोरोना के संक्रमितों की कुल संख्या 7112 पर पहुंच गई है और जिले में 1260 मरीज है। शहर और जिले दोनो में मिलाकर कुल 8372 मरीज दर्ज हुए हैं। अब तक कुल 5018 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इनमें सुरत जिले के 602 है।


यदि जोन के अनुसार कोरोना के मरीजों को देखा जाए तो कतारगाम में सबसे अधिक लगभग 1800 और लिंबायत में 1100 के करीब मरीज दर्ज हुए हैं। सूरत में कोरोना के केसो की संख्या तेजी से बढने के कारण प्रशासन चिंतित है।

स्थानिक प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से कोरोना को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजुद लगातार बढ रहे केस ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

सूरत में बीते तीन दिनों से मृतकों के आंकडे बढते जा रहे हैं। गुरूवार को 13 के बाद शनिवार को 14 और रविवार को कोरोना के कारण 15 लोगों की मौत हो गई। इस बीच सोमवार से सूरत में नई गाइडलाइन के साथ कपड़ा बाजार भी खुल जाएंगे। बीते दिनों शहर में हीरा बाजार और कपड़ा बाजार में तेजी से कोरोना के कारण प्रशासन ने कड़े फैसले लिए थे।

सोमवार से फिर से कपड़ा बाजार के लिए प्रशासन ने कई नए नियम बनाए हैं। इस बीच बीते एक -दो दिन से सूरत सहित राज्य में लॉकडाउन की चर्चा थी लेकिन राज्य सरकारने इसे इनकार कर दिया।

कपड़ा बाजार कल से 30 नए नियमों के साथ खुलेगा, कई व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद का फैसला किया
सूरत का कपड़ा बाजार सोमवार से नए नियमों के साथ खुलेगा। सूरत महानगर पालिका की ओर से मार्केट में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए नई गाइडलाइन दी गई है। इन सभी नियमों का पालन करना व्यापारियों के लिए आवश्यक है नहीं तो व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। 


एक ओर कोरोना के कारण व्यापारी परेशान है। व्यापारियों ने दुकान खुलने के बाद धीरे-धीरे परिस्थिति सामान्य हो जाएगी। और एकाध महीने बाद व्यापार कुछ गति पकड़ लेगा ऐसे अनुमान के साथ दुकानें खोली थी, कोरोना के बढ़ते केस के कारण यह अनुमान गलत साबित हो रहा है।

मनपा की ओर से रोज-रोज नई-नई गाइडलाइन आ रही है। जो व्यापारी जरा भी चूक कर रहे हैं उनसे 5000-10000 दंड लिया जा रहा है। एक ओर व्यापार शून्य और दूसरी ओर तगड़ा दंड। ऐसे में व्यापारी निराश हैं। वह रिस्क लेकर दुकान खोल रहे हैं लेकिन व्यापार भी नहीं है और मनपा का ड़र अलग से। 


व्यापारियों का कहना है कि इन दिनों व्यापार नहीवत है। ऐसे में रिस्क लेकर दुकान खोलने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि यदि संक्रमण लगता है तो पूरे परिवार के लिए जोखिम खड़ा हो जाएगा। इसिलए पांच से सात प्रतिशत व्यापारियों ने तो खुद ही 10 दिनों के लिए दुकाने बंद रखने का फैसला किया है।