भारत में तीन महीने में कोरोना से ज्यादा टीबी से मौतें

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कोरोना वायरस के कारण देश-दुनिया के सभी लोग परेशान हैं। कोरोना की दवाई ढूंढने के लिए दुनिया की संभी मेडिकल एंजसियां जी-जान से प्रयास कर रही है, लेकिन अभी उनकी राह लंबी नजर आ रही है।


कोरोना की गंभीरता को समझते हुए लोग हर प्रकार की सावधानी बरत रहे हैं। ऐसे में अन्य एक बिमारी पर भी ध्यान जाता है जो कि कोरोना से कहीं ज्यादा घातक है। कोरोना के कारण बीते तीन महीने में 15 हजार जबकि टीबी के कारण 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। 


भारत में बीते साल ट्यूबर कोलोसिस के 24 लाख्र नए केस दर्ज हुए थे। इनमें से 79 लाख लोगों की मौत हो गई थी। विश्व स्वास्थ्य संस्था के अनुसार भारत में हर तीन महीने में औसतन 20 हजार लोग टीबी से मर जाते हैं। टीबी के लिए अलग से अस्पताल, दवाइयां आदि सब कुछ उपलब्ध है। इसके बावजूद लोगों की मौत हो रही ही। टीबी से बचाव के लिए सब कुछ उपलब्घ होने के बाद भी टीबी की बिमारी घटने के स्थान पर बढती जी रही है।

एक जानकारी के अनुसार 2018 की अपेक्षा 2019 में टीबी के मरीजो की संख्या 10 प्रतिशत से ज्यादा बढी है। विश्व आरोग्य संस्था की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी के मरीजों में सबसे ज्यादा मरीज यूपी में 20 प्रतिशत, महाराष्ट्र में नौ प्रतिशत, मध्यप्रदेश में आठ प्रतिशत, राजस्थान और बिहार में सात प्रतिशत है। 


उल्लेखनीय है कि टीबी को जडमूल से समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से हर साल कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जनजागृती के लिए भी हर स्तर पर प्रयास किए जाते हैं लेकिन इसके बावजूद टीबी के मरीजों की संख्या से सरकार चिंतित है। कई राज्यों में तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी टीबी की जांच और दवाइयों की सुविधा उपलब्ध है। सरकार जिस मेहनत से इसे हटाने की दिशा में काम कर रही है उसमें सफल होने की उम्मीद है।