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देशभर में कामधंधा बंद होने के कारण श्रमिक वतन जा रहे है। किसी के पास ट्रेन या साधन की व्यवस्था है तो वह वैसे जा रहा है, लेकिन कइयों के पास व्यवस्था नहीं होने से वह सड़क या तो पटरी पकड कर ही चल पड़े है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पटरी से वतन की ओर जा रहे 15 श्रमिकों को शुक्रवार को सबेरे पौने छह बजे ट्रेन ने कुचल दिया।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि औरंगाबाद के कर्माड के नजदीक हादसा हुआ। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। ये सभी मजदूर जालाना से भुसावल की ओर जा रहे थे। सभी को मध्य प्रदेश जाना था। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे चल रहे थे। बड़ी दूर से पैदल चलने के कारण वह थक गए होंगे और ठंडी हवा के कारण पटरी पर ही सो गए होने का अनुमान है
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन ३ के बाद से कई राज्यों में श्रमिकों के वतन जाने की माँग तेज हो गई है। इस कारण कई जगहों से दुर्घटना के समाचार भी आ रहे है। हाल में ही सूरत से ओडिशा जा रही तीन लग्ज़री बसों का एक्सीडेंट्स हो जाने से दो जनों की मोत हो गई।
कांग्रेस में चुकाया १२०० श्रमिकों का किराया!!
कोरोना में सूरत से परप्रांतियों को उनके वतन भेजने का मामला अब राजकीय रंग से रहा है। ट्रेन चलने के पहले दिन सांसद सीआर पाटिल ने झंडा दिखाया था , जिसका कॉंग्रेस ने विरोध किया। इसके बाद आज कांग्रेस ने १२०० परप्रांतियों की टिकिट का खर्च चुकाया और उन्हें ट्रेन में बिठाने सूरत रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए। इस पर विवाद शुरू हो गया। पुलिस ने इस बारे में कुछ कांग्रेसी नेताओं की धरपकड़ भी की है।
लॉकडाउन में फँसे श्रमिकों को डेढ महीने बाद ट्रेन से घर जाने की अनुमति दी गई है। उसमें भी श्रमिकों से किराया वसूला जा रहा है। इसके बाद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विदेशी श्रम के लिए एक बड़े फैसले में ट्रेन टिकटों का खर्च देने की घोषणा की है। इसलिए आज शहर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों की सूची बनाकर कलेक्टर को दिया और किराया भी दिया।
टिकिट मिलने के बाद फिलहाल इन सभी को एक ट्रेन में भेजा गया है। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच बोलाचाली हुई।