कोरोना से शनिवार को 16 की मौत,अब तक कुल संक्रमित 10000 के क़रीब!

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सूरत में शनिवार को कुल 295 कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हुए। इसमें सूरत सिटी के 203 हैं और जिले के 92 हैं। इसके साथ ही 16 मरीजों की मौत हो गई। अब तक कोरोना के कारण शहर में कुल शहर में 8310 और जिले में 1686 केस दर्ज हुए हैं।

कुल मिलाकर शहर और जिले में कोरोना संक्रमितो की संख्या 9996 पर पहुंच गई है। आज कुल 16 लोगों की मौत के साथ कुल 432 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें शहर के 375 और जिले के 57 मरीज हैं।

इसके अलावा शहर और जिले में 6391 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। इस भयावह परिस्थिति को देखते हुए शहर में लोग स्वैच्छिक बंद की ओर बढ़ रहे हैं। सूरत में बीते 16 दिनो मे ही 207 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। मतलब कि लॉकडाउन के बाद जबसे व्यापार उद्योग खुलने की छूट दी गई है तब से मरीजों की संख्या के साथ मृतको की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

कोरोना के कारण संक्रमित में अब सभी वर्ग के लोग आ रहे है। हीरा श्रमिक, कपड़ा मजदूर, डाक्टर, नर्स, सहित कई प्रोफेशनल लोग भी इसका शिकार बन रहे है। अभी तक इस रोग से मरने वालों में वृध्धो की संख्या ज़्यादा है।


शनिवार को सहारा दरवाजा क्षेत्र की ब़ॉम्बे मार्केट एसोसिसएशन क्षेत्र में भी कोरोना के मरीज ज्यादा संख्या में दर्ज होने के कारण 20 से 31 जुलाई तक वहां भी मार्केट एसोसिएशन ने बंद करने का फैसला किया है। कोरोना के कारण अब पूरे सूरत मे फिर ले लॉकडाउन का माहौल बनने लगा है। शहर के कई क्षेत्रों में लोगो ने कोरोना के भय के कारण स्वैच्छिक बंद करना शुरू कर दिया है। शहर के वराछा, कतारगाम, पूणा, रांदेर आदि क्षेत्रों में लोगो ने दो दिन पहले ही दुकाने स्वैच्छिक बंद कर दी है।


इस बीच महिधरपुरा हीरा बाजार में भी आसपास के गलियों मे से लोगों का आना-जाना बंद करने के लिए मनपा ने पतरा लगा दिया।

कोरोना के कारण दो सप्ताह में 207 लोगों की मौत, अब तक कुल 401

बीते तीन सप्ताह में कोरोना किस तरह से भयानक हुआ है। उसका अंदाजा आपको यह जानकर पता चल जाएगा कि सूरत में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 401 पर पहुंची है। जिसमें कि 207 मौतें तो बीते 16 दिनों में ही हुई है। इस तरह से पिछले 3 सप्ताह सूरत के लिए बहुत ही निराशाजनक रहे हैं।

आगामी दो सप्ताह भी बेहद चिंताजनक होने की जानकारी प्रशासन की ओर से दी जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार सूरत में प्रशासन पहले ही लोगों से कुछ दिनों तक मतलब कि आगामी दो सप्ताह तक सावधानी बरतने को बार-बार कह रहा है। प्रशासन ने बड़े-बुजुर्गों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। साथ ही युवाओं को भी यदि जरूरत ना हो तो बाहर नहीं निकलना चाहिए ऐसी सलाह दी है।

प्रशासन की ओर से बार-बार सोशल डिस्टेंस का पालन करने और मास्क पहनने की अपील की जा रही है। इसके बावजूद मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको बता दें कि बीते तीन सप्ताह में सूरत की हालत ज्यादा खराब हुई है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अनलॉक में सरकार ने लोगों से आर्थिक गतिविधि बनी रहे इसलिए कई शर्तों के साथ व्यापार उद्योग खोलने की छूट दी थी लेकिन, जैसे ही व्यापार उद्योग खुले वैसे ही कोरोना भी तेज हो गया। हीरा उद्योग में काम करने वाले सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हो गए ।

कतारगाम और वराछा जोन में अभी तक बड़ी संख्या में केस दर्ज हो रहे हैं। बीते तीन सप्ताह की बात करें तो कोरोना के कारण बीते दो सप्ताह में ही 207 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। सूरत में 22 मार्च को सबसे पहले मरीज की कोरोना से मौत हुई थी। जिसमें की सेंट्रल जेल में रहने वाले 67 वर्षीय हीरा उद्यमी की मौत हुई थी। इसके बाद से मौत का सिलसिला शुरू हो गया 116 दिन में अब तक 401 लोगों की मौत हो चुकी है। सूरत में कोरोना की परिस्थिति को समझते हुए दिल्ली के एम्स के 4 डॉक्टर दौरे पर हैं।

30 जून तक सूरत में 178 लोगों की कोरोना से जान गई थी। यदि इसमें सूरत जिले के लोगों को भी जोड़ लिया जाए तो कुल 194 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। अब यह गति तेज हो गई है। जुलाई के 16 दिनों में ही शहर और जिले में लाकर 207 लोगों की जान गई है। मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोग हैं।

40 से कम उम्र वाले 8 लोग हैं। सूरत में फिलहाल कोरोना पॉजिटिव की संख्या नौ हजार के करीब है जिसमें की 4000 से अधिक के तो बीते 16 दिन में ही दर्ज हुए हैं सूरत की स्थिति ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।