सूरत
सूरत के लोगों के लिए अच्छी खबर है।लॉकडाउन के कारण पचास दिन से अधिक दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद ज़िला उधोग केन्द्र के डिप्टी कमिश्नर के मंज़ूरी के बाद 485 यूनिट फिर से शुरू हो गए। इन्हें कई शर्तों के साथ मंज़ूरी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ने सूरत के रेडजॉन के अलावा 585 इकाइयों को खोलने की अनुमति दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सचिन ने जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि जीआईडीसी में 185 इकाइयां चालू हैं। इसमें 20 लूम्स इकाइयां भी शामिल हैं। 15 मई को, सूरत जिले में 585 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। यह यूनिट शुरू हो जाने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगा।
शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा कि रेडजॉन में कारख़ाने नहीं खुल सकते इस घोषणा के बाद, सचिन जीआईडीसी, ओलपाड जीआईडीसी, कडोदरा, पलसाना, जोलवा, सायण और होजीवाला में इकाइयां शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में लगभग 20 पावरलूम इकाइयाँ हैं। अन्य राज्यों के कई श्रमिको वतन चले जाने से दिक़्क़त का सामना करना पड़ा सकता है। फ़िलहाल जो श्रमिक है उन्हीं के भरोसे काम चालू किया जा रहा है।जिन यूनिटों को मंज़ूरी मिली है उसमें सबसे अधिक 185 इकाइयाँ सचिन एस्टेट में शुरू की गई हैं, जिनमें से कुछ लूम्स के कारखाने हैं। इसके अलावा केमिकल, इंजीनियरिंग का अधिक है।
बुनाई इकाइयों में विस्कोस का उत्पादन शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि जिन क्षेत्रों मे यूनिट शुरू हुए हैं उनमें जिला उद्योग केंद्र को कुल 585 आवेदन इकाइयां शुरू करने के लिए मिला है। जिसमें शहर-जिले में कुल 310 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में मांगी गई 419 इकाइयों में से 185, पांडेसरा में 12 में से 11, इच्छापोर -भाटपोर में 61 में से 42, सूरत अेपेरल पार्क में 8 में से 6, हजीरा में 26 में से 17, बारडोली में 6 में से 6, ओलपाड में 8 में से 8 और सचिन सेज में 45 में से 35 इकाइयां चालू हैं। इन सभी इकाइयों में कुल 17,840 कर्मचारी काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कई उधमियों ने अभी भी कारख़ाने शुरू करने के लिए। कलक्टर से मंज़ूरी माँगी है जो मिलने के बाद कारख़ाने शुरू हो जाएंगे।