हीरा उद्योग को कई शर्तो के साथ खोलन के छुट!

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सूरत
सूरत में हीरा उद्योग में कोरोना के बढते मरीजों की संख्या को देखते हुए हीरा उद्योग बंद करने की चर्चा दो दिन से चल रही थी। अनलॉक के दौरान लगभग दो सौ हीरा श्रमिकों को कोरोना संक्रमण होने के कारण सूरत मनपा कमिश्नर ने जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल तथा सूरत डायमंड एसोसिसएशन के पदाधिकारियों से हीरा के कारखाने और हीरा बाजार बंद रखने की अपील की थी।

इस सिलसिले सोमवार को सूरत मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी और मेयर ने मीटिंग बुलाइ थी। सूरत डायमंड एसोसिएश के कार्यालय में आयोजित मीटिंग मे जैम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल, सूरत डायमंड एसोसिेएशन तथा सूरत डायमंड ब्रोकर एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मीटिंग के अंत में कई शर्तो के साथ हीरा यूनिट और बाजार पांच दिन खुले रखने की छूट दी गइ। 
(1) शनिवार और रविवार को दोनो हीरा बाजार बंद रहेंगे
(2) शनिवार और रविवार को सेफ डिपोजिट वोल्ट बंद रहेंगे।
(3) एक हीरे की घंटी पर दो हीरा श्रमिक ही काम करेंगे
(4) यदि एक हीरा श्रमिक को कोरोना पॉजिटिव आने पर वह सेक्शन बंद करा दिया जाएगा।
(5) तीन या अधिक हीरा श्रमिक कोरोना पॉजिटिव आने पर यूनिट बंद करा दिया जाएगा।
(6) हीरा युनिट में सिर्फ पचास फीसदी हीरा श्रमिकों काम करेंगें।

(7) हीरा यूनिटों में काम करने वालों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा।

(8) हीरा दलाल ओटले पर बैठकर व्यापार नहीं कर सकेंगे।

(9) हीरा उद्योग में कैन्टीन बंद कराने होंगे।

कोरोनावायरस में 133 देशो को दवाओं की मदद की भारत ने
भारत ने एक बार फिर से कोरोना की आफत के समय में अपनी उदारता का परिचय दिया है।दुनिया के 133 देशों को दवाई निर्यात कर भारत की महानता का परिचय दिया है। शांघाई कोर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन के महासचिव व्लादीमीर नौरोव का कहना है कि कोरोना के समय में भारत दुनिया भर में दवा की केंद्र का किरदार निभा रहा है। भारत ने दुनिया भर में अपना नाम एक अलग दिशा में तय कर दिया है।

दवा के क्षेत्र में भारत का विशाल अनुभव यहां पर काम आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोनावायरस के दौरान बहुत बढ़िया काम कर रही है।
घरेलू स्तर पर कोरोना से संघर्ष के बावजूद भारत ने 133 देशों को दवाइयां भेजी है। भारत एक शक्तिशाली देश होते हुए भी भारत का यह जिम्मेदार कदम भारत की महानता बताता है। उज़्बेकिस्तान के पूर्व विदेश प्रधान नौरोव का कहना था कि भारत आज दुनिया के देशों को दिशा दिखाता है।

भारत में बनने वाली सस्ती दवाइयां और मेडिकल साधन कई देशों को बड़ी मदद करते हैं। भारत जेनेरिक दवाइयों का सबसे बड़ा केंद्र है वैश्विक दवाओं के उत्पादन में भारत का हिस्सा 20% है वैश्विक हिस्से में से 60% से अधिक हिस्सा भारत बनाता है।

उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की मजबूती बढ़ाने के लिए भारत की प्रशंसा की।उल्लेखनीय है कि भारत में अमरीका ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों को भारत में बनने वाली हाइड्रो क्लोरोक्वीन दवाई देकर भरत दवा के क्षेत्र में कितना आगे है। यह साबित कर दिया है।