सूरत
लोक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से सभी कंपनियों को अपील की गई थी कि वह ,लॉकडाउन के दौरान का वेतन चुकाएंगे और किसी कर्मचारी को कंपनी से नहीं निकालेंगे। इसके बावजूद सूरत के हीरा उद्यमियों ने वेतन नहीं देने की बात सामने आ रही है। सूरत के हीरा उद्यमियों में से 118 हीरा उधमियों ने अपने यहां काम करने वाले हीरा श्रमिकों का वेतन नहीं चुकाया है। उनके खिलाफ सूरत डायमंड वर्कर यूनियन ने लेबर कमिश्नर और कलेक्टर से शिकायत कर हिरा उद्यमियों का वेतन चुकाने की गुहार लगाई है।
सिर्फ मार्च का वेतन चुकाया
ज्ञापन में बताया है कि लॉकडाउन डाउन के दौरान मार्च महीने का वेतन तो कई हीरा उद्यमियों ने दिया लेकिन इसके बाद अप्रैल महीना का वेतन एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। हीरा श्रमिक फ़ोन करते हैं तो मालिकों के फ़ोन भी स्वीचऑफ आ रहे हैं।
हीरा श्रमिकों की हालत पतली
हीरा श्रमिकों के पास घर चलाने के लिए एक मात्र वेतन ही सहारा होता है, लेकिन 40 दिनों से लॉकडाउन डाउन के कारण अब उनके वेतन की एक-एक कौड़ी खर्च हो चुकी है। इसलिए उन्हें जीवन चलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हीरा उद्यमियों ने वेतन नहीं देकर उनकी समस्या और बढ़ा दी है। इसलिए हीरा उद्यमी अपने श्रमिकों को वेतन दे ऐसी गुहार लगाई है। साथ ही यह भी बताया है कि कर्मियों ने सभी कर्मचारियों के वेतन चुका दिए कुछ ही है जो की वेतन चुकाने में आना-कानी कर रहे है।
छोटे और मध्यमवर्गीय हीरा उधमी परेशान
लॉकडाउन के कारण छोटे और मध्यमवर्गीय हीरा उधमियों की हालत ख़राब है। क्योंकि पहले से ही हीरा उद्योग मंदी का माहौल था माल नहीं बिकने और पेमेंट नहीं आने से हीरो की समस्या और बढ़ गई है। यदि लॉकडाउन ज़्यादा दिनों तक यथावत रहा तो उनकी परेशानी और बढ सकती है।