25 मई से खुल जाएंगे डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट!

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सूरत
लॉकाडाउन-4 में नॉन-कन्टेन्मेंट जोन में व्यापार-उधोग खोलने की छूट दी गई है। ऐसे में शहर के सचिन, पांडेसरा, कडोदरा आदि क्षेत्रों में डाइंग-प्रिन्टिग यूनिट खुलने की सुगबुहगाहट सुनाई दे रही है। मिली जानकारी के अनुसार आगामी 25 मईसे डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हो जाएंगे और 1 जून तक तमाम कारखाने खुलने की उम्मीद है।


लॉकडाउन के कारण दो महीने तक डाइंग प्रोसेसिग यूनिट बंद रहने के कारण अब उनमें काम करने वाले ज्यादातर श्रमिक अपने गांव कौ लौट चुके हैं और जो बचे हैं उनमें से भी ज्यादातर जाने को तैयार हैं ऐसे में भले यूनिट शुरू हो रहे हैं लेकिन श्रमिको की कमी खलेगी।

पांडेसरा के प्रोसेसर कमल विजय तुलस्यान ने बताया कि लॉकडाउन-4 में छूट मिलने के बाद हम जरूरी सावधानियों के साथ और जितने श्रमिक बचे हैं उनके साथ कारखाने शुरू करने की सोच रहे हैं। इसलिए प्रोसेसर्स की मीटिंग में सब को 25 मई से जरूरी नियमों के साथ यूनिट शुरू करने की सूचना भी दे दी गई है।

हालाकि कई श्रमिक वतन चले गए हैं, लेकिन जो बच गए हैं वह नहीं चले जाए इसलिए जल्दी यूनिट शुरू करने का प्रयास है। उल्लेखनीय है कि सचिन और अंजनी इन्डस्ट्रिटल एस्टेट में लूम्स कारखाने भी चालू हो चुके हैं।

आत्म निर्भर योजना के तहत फ़ॉर्म लेने के लिए लोगों की भीड़
लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार हो चुके लोगों के पास आजीविका का साधन नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार की योजना से उन्हें उम्मीद बंधी है। लॉकडाउन-४ में कई स्थानों पर बैंक और व्यापारिक गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। इसलिए बाहर निकले लोगों ने सबसे पहले रोज़ी रोटी के लिए प्रयास शुरू किया।
गुजरात सरकार ने हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान हाल में आत्म निर्भर योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, एक व्यक्ति एक लाख का ऋण मामूली दर पर ले सकता है।
चूंकि सहकारी और सहकारी बैंकों में फॉर्म उपलब्ध थे, इसलिए लोग आज सुबह से ही फॉर्म लेने के लिए दौड़ रहे थे। कुछ लोगों ने फ़ॉर्म भी से लिया और उसे जल्दी भरने की तैयारी में है। कुछ लोग निराश थे कि कुछ क्षेत्रों में सहकारी बैंकों में फॉर्म नहीं पहुंचे थे।


वराछा और कतारगाम क्षेत्रों में सहकारी और सहकारी बैंकों में लोग अपने फॉर्म लेने के लिए सुबह से ही कतार में लगे थे। जिसके कारण इन स्थानों पर भीड़ देखी गई। दूसरी ओर, उधना क्षेत्र में सहकारी बैंकों को फार्म प्राप्त नहीं हुए और लोग उन्हें लिए बिना लौट गए। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण शहर के सभी ट्रेड और उद्योग बंद हो गए हैं और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और अब यह तय नहीं है कि कुछ कारखाने या ट्रेड कब शुरू होंगे। तेवा में बेरोजगार लोग अपने लिए कुछ नया करने की सोच रहे हैं। जिसके कारण बैंकों के सामने लोगों की लाइन बढ़ गई है।


फ़िलहाल शहर के कुछ क्षेत्र से ही लोग आ रहे है जैसे ही बाक़ी के क्षेत्र से भी लोगों को छूट मिलेगी वैसे यह संख्या और बढ़ेगी।