अब से इन निजी अस्पतालों में भी कोरोना की जांच हो सकेगी। मनपा ने गुरुवार को शहर की कोई निजी अस्पतालों को कोरोना कि जांच के लिए एमओयू किया है।
बताया जा रहा है कि कोरोना के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए मनपा ने यह फैसला लिया है। इन हॉस्पिटलों में रामपुरा की विनस हॉस्पिटल, लोखात हॉस्पिटल,महावीर हॉस्पिटल, ट्रायडेन्ड हॉस्पिटल, मजूरा गेट की आशुतोष हॉस्पिटल, नानपुरा की आनंद हॉस्पिटल, कैलाश नगर की गिरीश ग्रुप हॉस्पिटल, चौटा बाजार की पीटी जनरल हॉस्पिटल, मजूरा गेट की निर्मल हॉस्पिटल, लाल दरवाजा की आयुष हॉस्पिटल, आठवां गेट की मिशन हॉस्पिटल, ट्राइ-स्टार हॉस्पिटल, पीपलोद की सनशाइन हॉस्पिटल, वेसु की ग्रीन लीफ हॉस्पिटल, मेट्रैया मेडिकल हॉस्पिटल, मरीना हॉस्पिटल, अमृता हॉस्पिटल, प्रभु हॉस्पिटल, नाना वराछा की स्पार्कल हॉस्पिटल, पर्वत पाटिया की यूनिटी हॉस्पिटल, कापोद्रा की पीपी सवानी हॉस्पिटल, वराछा रोड की परम हॉस्पिटल, जीबी वाघाणी हॉस्पिटल, सूरत डायमंड एसोसिएशन हॉस्पिटल, कडोदरा की यूनिक हॉस्पिटल, उधना रोड की एप्पल हॉस्पिटल, उधना उद्योग नगर की उधना हॉस्पिटल, उन की खामेना सार्वजनिक हॉस्पिटल,रांदेर ज़ोन की बाप्स हॉस्पिटल, अडाजण की यूनाइटेड ग्रीन हॉस्पिटल और नवयुग कॉलेज के पास शेल्बी हॉस्पिटल में इलाज हो सकेगा।
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के खेतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार और सूरत महानगर पालिका ने आगामी दिनों में हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है इसके चलते प्रशासन ने 37 निजी अस्पतालों से कोरोना की चिकित्सा के लिए एमओयू किया है। मनपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
शहर की 37 हॉस्पिटल के साथ एमओयू किया गया है। इसमें मनपा की ओर से रेफर किए गए मरीजों को के लिए संपूर्ण खर्च राज्य सरकार उठाएगी जबकि निजी अस्पतालों मैं खुद जाने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा। हालाँकि यह चार्ज भी मनपा ने तय किया है।
बताया जा रहा है कि जल्दी ही शहर में 105 धनवंतरी रथ अर्ली ट्रीटमेंट अट योर डोर स्टेप शुरू किए जाएंगे।
इनमें सामान्य बुखार सर्दी खांसी जैसे प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही उपचार दिया जाएगा। शहरीजनों को हॉस्पिटल में एडमिट होने से डर लगता है। इसलिए वह बीमारी भी छुपाते हैं। जिन लोगों को सर्दी खांसी और बुखार के लक्षण दिखते हैं वह 104 फीवर हेल्प लाइन पर तुरंत सूचना दें या नजदीकी आरोग्य केंद्र पर जाएं। जिन लोगों के पास देखरेख करने वाले लोगों के उन्हें घर पर ही इलाज कराया जाएगा।