लॉकडाउन के बाद जब से कपड़ा बाजार खुला है तब से पेमेंट को लेकर रामायण शुरू हो गई है। विवर, प्रोसेसर, एंब्रॉयडरी संचालक व्यापारी सहित सभी लोग नए-नए पेमेंट सिस्टम बना रहे हैं। ऐसे में पेमेंट मिलना शुरू हुआ या नहीं लेकिन व्यापारियों और उद्यमियों के बीच माथापच्ची जरूर बढ़ गई है।
बीते दिनों सबसे पहले कलर केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन ने पेमेंट के नए नियम बनाए थे। इसके बाद साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के नियम बनाते हुए व्यापारियों को कहा था कि 30 दिन में पुराने पेमेंट चुका देने होंगे नहीं तो उस पर डेढ प्रतिशत ब्याज लगेगा ऐसा कहाथा । इसके बाद विवर्स ने भी नियम बनाते हुए कहा कि व्यापारियों को 7 दिन में पेमेंट चुका देना होगा। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान जो पेमेंट बाकी है उसके लिए डेढ प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा।
विवर्सों के नियमों कारण व्यापारियों में नाराजगी थी व्यापारी संगठनों ने इसके खिलाफ नाराजगी व्यक्त की|व्यापारियों की संस्थाओं ने व्यापारियों से अपील की कि वह दो महीने तक नया ग्रह नहीं खरीदेंगे।
इसके बाद से पेमेंट का मामला और गरमा गया। सभी एसोसिएशन इसे सुलटाने के प्रयास में लगे रहे लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आ सका है। गत रोज विवर्स की संस्था फोगवा तथा व्यापारियों की संस्था फोस्टा के बीच में मीटिंग हुई लेकिन इस मैं भी कोई परिणाम नहीं आया। साथ ही साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन, व्यापार प्रगति संघ और साउथ गुजरात प्रोसेसर एसोसिएशन की मीटिंग में भी पेमेंट को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला।
इस बीच फिर से फोगवा ने व्यापारियों को 7 दिन में ही पेमेंट देने का निर्णय घोषित किया इसे लेकर व्यापारी नाराज हैं । व्यापारियों ने अपने आप ही सोशल मीडिया पर 2 महीने तक ग्रे नहीं खरीदने और 6% बटाव के साथ ही माल खरीदने का अभियान शुरू कर दिया है। कई व्यापारियों ने व्हाट्सएप ग्रुप पर यह मुहिम शुरू कर दी है। एक दूसरे के समर्थन में सभी व्यापारी यह मैसेज पोस्ट कर रहे हैं।अभी तक बड़ी संख्या मे व्यापारी इसके समर्थन मे आ चुके है।
व्यापार प्रगति संघ के संयोजक संजय जगनानी ने बताया कि व्यापारी किसी का विरोध नहीं कर रहे लेकिन व्यापार सुचारू ढंग से चले इसका प्रयास कर रहे हैं। कपड़ा मार्केट खुलने के बाद अभी तक पेमेंट नहीं आना शुरू हुआ है। जैसे जैसे पेमेंट आएगा वैसे वैसे सब का पेमेंट करते जाएंगे लेकिन व्यापारियों की भी सिर्फ इतनी मांग है कि वह रोकड़े में माल लेंगे लेकिन उन्हें डिस्काउंट वाला बिल चाहिए।