सूरत के इस अपार्टमेंट के लोगों ने चीन के ख़िलाफ़ लिया संकल्प!

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भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के कारण देशभर में चीन के सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में सोमवार को पीपलोद के श्री हरि अपार्टमेन्ट के लोगों ने भी चीन के सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी अपनाने का फैसला किया है।

मिली जानकारी के अनुसार चीन ने धोखे से भारत के बीस सैनिको को मार डालने के बाद देश के कई शहरो में चीन के सामान की तोडफोड और होली जलाई जा रही है। बीते दिनों व्यापारियों की संस्था कॉन्फ़िडरेशन ऑफ ऑल इन्डिया ट्रेडर्स की ओर से भी चीन के तीन हजार प्रोडक्ट करने का फैसला किया गया।

सोमवार को पीपलोद की श्री हरि अपार्टमेन्ट के लोगो ने संकल्प किया कि वह चीन के सामान का बहिष्कार करेंगे। अपार्टमेन्ट के प्रमुख रमेश गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से चीन ने धोखे से भारत के बीस सैनिको को मार डाला। हम इसका विरोध करते हैं और हमने चीन के सामान का बहिष्कार करने तथा स्वदेशी अपनाने का संकल्प किया है।

सूरत के हॉटल-रेस्टोरेन्ट उद्योग को दो सौ करोड का नुकसान
अनलॉक-1 के बावजूद दक्षिण गुजरात के होटल और रेस्टोरेन्ट उद्योग में अभी तक विशेष सुधार नहीं आयाहै। होटेल एसोसिएशन की कहना है कि 25 मार्च से लेकर 15 जून तक दक्षिण गुजरात में होटेल और रेस्टोरेन्ट उद्योग को 200 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। सरकार को भी इससे लगभग 20 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी आय गंवानी पड़ी है।
केन्द्र सरकार की ओर से आठ जून के बाद अनलॉक-1 में होटेल और रेस्टोरेन्ट
 इन्ड्स्ट्री को कई छूट दी गई है, लेकिन रात्रि कर्फ्यू के कारण होटेलों में अब डिनर के स्थान पार्सल सेवा शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि स्फ्र पचास प्रतिशत ग्राहकों को डिनर में बिठाया जाता है।

पुलिस के भय के कारण शाम के सात बजे ही होटेल बंद हो जाते हैं।  होटेल इन्डस्ट्री को यिद रात्रि करफ्यू से मुक्ति दी जाए तो अच्छा होगा। इसके अलावा दूसरी ब़ड़ी बात तो यह है कि श्रमिको की कमी सहित अन्य कई कारणो से अभी सिर्फ पचास फीसदी होटेल ही खुल  सके हैं।


फिलहाल अन्य स्थानों के लोग भी खरीद आदि के लिए नहीं आ रहे है। सरकार के नियम के अनुसार अन्य स्थानों से आने वालों के लिए 14 दिन क्वोरन्टाइन अनिवार्य होने के कारण टैक्सटाइल मार्केट में खरीद के लिए आने वाले व्यापारी नहीं रहे हैं। इससे भी नुकसान हो रहा है। होटल में आय कम है लेकिन बिजली बिल, गैस बिल और स्टाफ का खर्च चुकाना प़ड रहा है।

दूसरी ओर ऑनलाइन सर्विस देने वाली कंपनिया कमा र ही है।सरकार यदि दक्षिण गुजरात के पर्यटन क्षेत्रों को खोल दे तो होटेल एन्ड रेस्टोरेन्ट इन्डस्ट्री को कुछ राहत हो सकती है