सूरत में रेमेडेसिविर और टोसिलिजुमैब का बिनजरूरी उपयोग ज्यादा

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सूरत में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए दिल्ली से सूरत दौड़ी आई एम्सअस्पताल के डॉक्टर की टीम ने मीडिया को बताया कि सूरत में कोरोना में इस्तेमाल की जाने वाली रेमेडेसिवीर और टॉसिलिजूमैब का बिन जरूरी उपयोग ज्यादा होता है।

यह इंजेक्शन उन्हीं को दिया जाए जिन की आवश्यकता है नहीं तो इसका नुकसान भी मरीज को हो सकता है। सूरत में टॉसिलिजूमैब नाम की दवा की कमी के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी। एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि यहां पर 4 लोगों की टीम आई है। उन्होंने यहां के डॉक्टर से बात की स्थानीय मुद्दों की जानकारी ले रहे हैं।

दिल्ली तथा अन्य शहरों में जो कार्यवाही चल रही है। उसके अनुसार यहां भी काम किया जाएगा। प्राइवेट और निजी अस्पताल सभी से प्लाजमा थेरेपी और आइसोलेशन के बारे में चर्चा की जाएगी। फिलहाल यहां पर कोविड की हॉस्पिटल तैयार हो गई है और बैड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इंजेक्शन की कमी को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। जल्दी ही जिन लोगों को जरूरत है।ऐसे लोगों को इंजेक्शन सरलता से मिल जाएगी।


उल्लेखनीय है कि सूरत में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन 200 के ऊपर कोरोना के मरीज दर्ज हो रहे हैं। इसके अलावा मृतकों की संख्या बढ़ रही है। जिसके चलते परिस्थिति गंभीर हो गई है। सूरत में अब कई स्थानों पर तो स्वैच्छिक बंद गया है। कपड़ा बाजार और हीरा बाज़ार, अडाजण तथा पांडेसरा आदि कई क्षेत्रों में लोगों ने 5:00 बजे तक ही दुकान खोलने का फैसला किया है।

बताया जा रहा है कि पहले लोग लॉकडाउन डाउन में सरकार से चाहते थे कि व्यापार धंधे जल्दी शुरू हो लेकिन सूरत की परिस्थिति देखते हुए लोगों ने खुद ही स्वैच्छिक लॉकडाउन लगा दिया है। इसके अलावा शहर में बढ़ते हुए कोरोना के मरीजों की संख्या को रोकने के लिए मनपा पूरा प्रयास कर रही है।

मनपा की ओर से शहर में धनवंतरी रस चलाया जा रहा है जो कि मरीजों की वहीं पर जांच करके तुरंत ठीक पूर्णा का निदान कर रहे हैं और जरूरत पड़े तो मरीज को वहां से अस्पताल भेज दिया जाता है।

आज एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के सहित कुल 4 डॉक्टर सूरत की परिस्थिति की समीक्षा करने आए हैं। उन्होंने सिविल हॉस्पिटल की विजिट की इसके बाद आला अधिकारियों से मीटिंग करके यहां की और परिस्थिति का की जानकारी लेंगे। इसके बाद वह जहां कोरोना के मरीज ज़्यादा है उन क्षेत्रों की विज़िट करेंगे।