फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर मोटीबेगम वाडी क्षेत्र को वन-वे घोषित करने की माँग की है। फोस्टा ने पुलिस कमिश्नर को बताया है कि कपड़ा बाजार मोटी बेगमवाडी विस्तार हरिओम मार्केट से लेकर रिद्धि-सिद्धि मार्केट तक काफी रिटेल व होलसेलर मार्केट आये हुए है|
इन मार्केट के रास्ते काफी तंग है,साथ ही मिल के टेम्पो, टेक्सी, पोटला वाले गली में जाम कर देते है| कोरोना वायरस जेसी महामारी में ट्राफिक जाम की वजह से सोसीयल डिस्टेसींग की पालना नही हो रही है|
जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है| यदि मोटी बेगमवाड़ी में संक्रमण फेलता है तो वह काफी तेजी से फैलेगा| जिसके सन्दर्भ में संज्ञान लेना आवश्यक है|
फोस्टा ने बताया कि इस सन्दर्भ में दिनांक 28/08/2002 को सुरत शहर के पूर्व कमिशनर वी.के.गुप्ताजी द्वारा जाहेरनामा भी जारी किया हुआ है| इस समस्या के समाधान के लिये इस जाहेरनामा को सख्ती से लागु करवाकर कपड़ा मार्केट की ट्रेफिक व्यवस्था को सुधारने के साथ साथ कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहयोग करने की गुहार लगाई है।
मोटी बेगमवाडी में मार्केटो ने सलाबतपुरा पुलिस स्टेशन में इस सन्दर्भ में अर्जी भी दी हुई है| मोटी बेगमवाडी में रोहित मार्केट से हरिओम मार्केट और न्यू रतन मार्केट के रास्ते को शीघ्रातिशीघ्र वन-वे कराने में सहयोग करावे तथा पुलिस विभाग से स्टाफ की नियुक्ति करवाये जिससे मोटी बेगमवाड़ी में आ रही समस्याओ से निजाद दिलाया जा सके|
मिलेनियम मार्केट के कपड़ा व्यापारी की कोरोना से मौत
कोरोना का कहर सूरत में अब अनियंत्रित होते जा रहा है।सूरत के मिलेनियम मार्केट में रिच लुक नाम से कारोबार चलाने वाले कपड़ा व्यापारी की कोरोना से इलाज के दौरान मौत हो गई। पाल के कुशल वाटिका में रहने वाले युवा कपड़ा व्यापारी को गत दिनों उपचार में उपचार के लिए दाखिल किया गया था। जहां उनकी मौत हो गई। कपड़ा व्यापारी की मौत के कारण अन्य व्यापारियों में भय का माहौल है।
मिली जानकारी के अनुसार अनलॉक-१ के बाद से सूरत के कपड़ा बाजार में बीते कई दिनों से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्यापारियों से मार्केट बंद रखने के बारे में विचार भी पूछा था।
कई शर्तों के साथ फिलहाल कपड़ा मार्केट खुलने की छूट दी गई है। बताया जा रहा है कि कपड़ा व्यापारी सुरेश कुमार लुणिया मूलत: राजस्थान जोधपुर जिले के शेरगढ़ के निवासी थे वह सूरत में पाल क्षेत्र के कुशल वाटिका में अपने परिवार के साथ रहते थे।
25 जून को परिवार के साथ वह राजस्थान गए थे और 2 जुलाई को लौट आए। इसके बाद उन्हें बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उन्हें मगदल्ला रोड के ग्रीन लीफ हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। 6 जुलाई को सवेरे उन्होंने परिवार जनों से बात भी की थी। शाम को सांस लेने में तकलीफ होने से वेंटिलेटर पर रखा गया। बताया जा रहा है कि डायबिटीज भी था।
उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। यह जानकारी कपड़ा बाजार में फैलते ही लोगों में भय का माहौल है।उल्लेखनीय है कि कपड़ा बाजार में बढ़ते को देखते हुए फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन की ओर से बार-बार व्यापारियों को नियम कानून मानने के लिए अपील की जा रही है।
सूरत में प्रतिदिन २०० के क़रीब कोरोना के मरीज आ रहे है। यदि परिस्थिति नहीं सुधरी या लोग गंभीर ढंग से नियम नहीं माने तो परिणाम और ख़तरनाक हो सकते हैं।