सेन्ट्रल बोर्ड ओफ डायरेक्ट टैक्स ने टैक्स कलेक्शन बढाने के आशय से आयकर रिटर्न में कई नए परिवर्तन किए हैं। सीबीडीटी ने ने हाल में एसेसमेन्ट इय 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म-1 से 7 तक जारी किए हैं. साथ ही सरकार ने आईटीआर भरने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ा दी है. ऐसे में आप टैक्स बचत के लिए 30 जून तक निवेश कर सकते हैं. हालांकि, फिलहाल वो लोग आईटीआर फाइल कर सकते हैं, जो फॉर्म-1 और 4 के जरिये ई-फाइलिंग करना चाहते हैं। वेतनभोगी लोग ही आइटीआर-1 भर सकते हैं।
सीबीडीटी के नए फॉर्म-1 में अब से करदाता ने सालभर में 1 लाख से ज्यादा का बिजली बिलचुकाया है तो उसे इसकी जानकारी आईटीआर फॉर्म-1 में देनी होगी. इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति ने एक साल में विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये ज्यादा खर्च किए हैं तो इसका पूरा ब्योरा भी उपलब्ध कराना होगा. साथ ही करंट अकाउंट में 1 करोड़ से ज्यादा कैश डिपॉजिट की जानकारी भी इस फॉर्म में भरनी होगी। सहज फॉर्म वह लोग भरते हैं जिनकी वार्षिक आया 50 लाख रुपये तक है। इसमें वेतन, एक घर से आय, निवेश पर मिला ब्याज और खेती से 5,000 रुपये तक की आमदनी शामिल है।
इस बार करदाताओं को कुछ ऐसी जानकारियां देने की जरूरत नहीं होगी, जो अब तक देनी अनिवार्य थीं. जनवरी में जारी किए गए आईटीआर फॉर्म-1 में वेतन की पूरी जानकारी के साथ ही आवासीय संपत्ति से होने वाली आय के बारे में भी खुलासा करना होता था. इसके तहत करदाता को अपनी कंपनी का नाम, अपने घर का पता, किरायेदार का नाम, पैन व आधार की जानकारी देनी होती थी. नए जारी किए गए फॉर्म-1 में ये जानकारियां नहीं देनी होंगी
सूरत आयकर विभाग ने कुछ वर्षो पहले भी इस तरह से अधिक बिजली बिल वाले करदाताओं को नोटिस दिया था। इस बार फिर से नए आइटीआर में एक लाख से अधिक बिजली बिल की जानकारी मांगे जाने से कई करदाताओं में चिंता फैल गई है।
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