सूरत आयकर विभाग के डीआई विंग ने गुरुवार की शाम से सोमवार की देर रात तक वराछा के हीरा बाग में दियोरा एंड भांडेरी कॉर्पोरेशन में जांच की थी। जांच के दौरान विभाग को यहां से डेढ़ करोड रुपए नगद, 1200 मशीनें और 10 लाख नग हीरे मिले थे। इन सब के हिसाब- किताब अभी तक कंपनी संचालक नहीं दे पाए हैं।
आयकर विभाग ने यहां पर मिले 1000000 नग से अधिक हीरे वहीं पर जप्त कर दिए हैं। जिसके चलते हीरा उद्यमियों को दिक्कत आ रही है। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इस बारे में आयकर विभाग से गुहार लगाई थी कि यह हीरा छोटे-छोटे हीरा उद्यमियों के हैं जो कि जप्त कर लेने से उनकी समस्या बढ़ सकती है। साथ ही 2 लाख से 300000 लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यदि यह समय पर नहीं छोड़े गए तो हीरा उद्योग के समक्ष बड़ी दिक्कत आ सकती है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को गुजरात के पूर्व मंत्री तथा चैम्बर के मैनेजिंग कमेटी के सदस्य नानुभाई वानाणी, सूरत डायमंड एसोसिएशन के उप प्रमुख सवजी भरोडिया, सेक्रेटरी दामजी मावाणी तथा इन्कम टैक्स चीफ़ कमिश्नर श्याम कुमार तथा प्रिंसिपल डायरेक्टर ऑफ इन्वेस्टिगेशन जयंत कुमार से मुलाकात कर हीरा उद्यमियों के 1000000 नग हीरे छोड़ने की मांग की।
इस पर आयकर विभाग ने कहा कि हीरा उद्यमी अपना पहचान पत्र, पैन कार्ड देकर और हीरे जॉब वर्क के लिए दिए हैं ऐसे सबूत दे कर हीरे ले जा सकते है। बताया जा रहा है कि यहां पर यहां पर 800 से अधिक कंपनियों जॉब वर्क के लिए आए थे।
आयकर विभाग की इस कार्यवाही के बाद हीरा उद्योग में हड़कंप मच गया है। आयकर विभाग को यहां से बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी पकड़ाने की आशंका लग रही है।