एमएसएमई सेक्टर की मदद के लिए सरकार का मास्टर स्ट्रोक!! कितना काम करेगा!

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डेस्क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को भारत को आत्मनिर्भर किस तरह बनाया जाए इसके बारे में सरकार की ओर से उधोगो के लिए जारी राहत पैकेज के कुछ अंशों की में जानकारियां दी। उन्होंने लॉकडाउन में आर्थिक समस्या से परेशान एमएसएमई सेक्टर को आत्मनिर्भर भारत के विशेष पैकेज की घोषणा की। कई लोगों ने इसकी प्रशंसा की। हालाँकि यह कितना कारगर साबित होगा यह तो समय ही बताएगा।

भारत के अर्थतंत्र की रीढ की हड्डी एमएसएमई सेक्टर है। नोटबंदी के बाद से एमएसएमई सेक्टर सरकार से बड़े आर्थित पैकेज की मांग कर रहे थे। लॉकडाउन ने एमएसएमई सेक्टर के लिए मुसीबतें बढ़ा दी थी। कई उधमियों को व्यापार बंद करना प़ड़े ऐसी परिस्थिति बनी है। उसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने  एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री होने की घोषणा की है है। साथ ही यह बताया कि यह लोन उन उद्यिमों को ही मिल सकेगा जिनका 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो। महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी।अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के अर्जी की जा सकती है। इससे मध्यम उद्यिमयों को राहत मिलेगी।।

अंदाज़न 45 लाख एमएसएमई को  इस राहत पैकेज से सीधी लाभ मिलेगा। 20 हजार करोड़ रुपए स्ट्रेस्ड एमएसएमई को दिया।अच्छी एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा सबसे बडी बात जो मानी जा रही है वह यह है कि सरकार की ओर से इस बार माइक्रो इन्डस्ट्री को ध्यान में रखा गया है। माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया है ।स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी देेने से उधमियों को राहत मिली है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपने भाषण में स्थानीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर जे जाने के लिए बात कही थी उसके लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजाना में 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधन किया जाएगा। इसमें सरकार को 20 फीसदी का —नुकसान होगा। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और आम आदमी को लोन देने में सहूलियत होगी।


लॉकडाउन के दौरान देशभर में से  गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों ने फंड की गंभीर समस्या की गुहार लगाते हुए पैकेज की मांग की थी उनकी मांग को माना गया है। उनकी समस्या दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी की व्यवस्था बनाई गई है।एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।
45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी। इसमें एए पेपर्स और इसके नीचे के रेटिंग वाले पेपर्स को भी कर्ज मिलेगा। अनरेटेड पेपर्स के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है। इससे नई लेंडिंग को बढ़ावा मिलेगा। 


 केन्द्र सरकार ने आयकर संबंधित नियमों में भी कई छूट दी है। जैसे कि  किसी भी प्रकार के पेमेन्ट में  टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। टीडीएस दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा। रिफंड की गति को तेज किया जाएगा। टैक्स ऑडिट अब अक्टूबर से आगे बढेगा। अब 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न भरा जा सकता है।

केन्द्र सरकार की ओर से एमएसएमई सेक्टर को दी गई छूट को कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सराहा है और एमएसएई को तीन लाख करोड की लोन के फैसले से इन्डस्ट्री को वेग मिलेगा ऐसा कहा है।