इस्लामाबाद ।
भारत में कई राज्यों में लॉक डाउन अब पुरी दुनिया के लिए स्टडी का विषय बन गया है। भारत यदि इस महामारी से ज़्यादा नुक़सान बिना निकला तो दुनिया के लिए उदाहरण बन जाएगा।कोरोना वायरस से जूझ रहे विश्व के कई देशों में लॉकडाऊन कर दिया गया है। भारत ने कोरोना वायरस के कई केस पॉजिटिव पाए जाने के बाद ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का फैसला लिया गया, जिसमें देशवासियों ने पूरा सहयोग किया। ‘जनता कर्फ्यू’ के लिए जिस तरह से लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताली, थाली और शंख बजाने की अपील का सम्मान किया और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाई उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
भारत में जनसंख्या अधिक होने के बावजूद जिस तरह से कोरोना के प्रति लोग और प्रशासन सावधानी बरत रहा है वह अपने आप में उदाहरण है।
पाकिस्तान अंदाज़न में 650 लोगों के संक्रमित होने के बावजूद पाकिस्तान का रवैया इसे लेकर गंभीर नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर दो टूक कह दिया है कि देश में पूरा लॉकडाउन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने लोगों को यह नसीहत तक दे डाली है कि वे अपना बचाव खुद करें और सेल्फ-क्वॉरंटीन हो जाएं। पाकिस्तान में अब तक कोविड-19 इन्फेक्शन के 650पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और 4 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही परिस्थिति और बिगड़ रही है।
इमरान खान ने कहा पाकिस्तान में क्षमता नहीं है कि वह पूरी तरह लॉकडाउन कर सके। उन्होने कहा कि यदि पाकिस्तान के हालात इटली जैसे होते तो वह यह निर्णय ले सकते थे। पीएम पहले भी कह चुके हैं कि यूरोपीय देशों के लिए यह करना आसान है, लेकिन पाक की अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। लॉकडाउन करने से देश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जिसके लिए देश बिल्कुल तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थ व्यवस्था चरमरा गई है। यदि कुछ दिनों और यही हालात रहे तो वैश्विक आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है