जानिए! ओड़िशा गए श्रमिकों की क्या है माँग? वापिस आने के लिए

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सूरत
श्रमिकों की कमी से जूझ रहे कपड़ा उद्योग की समस्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि कई राज्यों में से श्रमिकों को आने पर अब सवालिया निशान लगते जा रहा है।

कुछ दिनों पहले ही एक जानकारी सामने आई थी कि यूपी से यदि किसी को श्रमिकों को लाना है तो पहले राज्य सरकार में दर्ज कराना होगा! इसके अलावा वहाँ की सरकार अब खुद ही श्रमिकों के लिए नई नई योजना ला रही है। दूसरी ओर ओड़िशा में लौट कर गए श्रमिक वहाँ जाकर अब संगठन बना रहे है।

सूरत से ही गए कुछ अग्रणी सभी श्रमिकों के क्षेत्रों मे जाकर उन्हें तब तक वापिस नहीं लौटने की अपील कर रहे है जब तक कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो जाए। वह सभी श्रमिकों की जानकारी एकत्रित कर ओड़िशा सरकार के माध्यम से सूरत के मिलों में उन्हें पीएफ सहित तमाम लाभ मिले ऐसी माँग कर रहे है। कइयों का कहना है कि कारख़ाने में उन्हें पूरी व्यवस्था भी नहीं मिलती।

सूरत के कपड़ा उद्योग मे काम करने वाले श्रमिकों में यूपी और ओड़िशा वालों की संख्या ज़्यादा है यदि इनमें से श्रमिकों का आना रूक जाता है तो कपड़ा उद्योग को श्रमिकों की क़िल्लत का सामना करना पड सकता है।

गुजरात सरकार ने कोरोना के बारे मे लिया बडा फैसला
गुजरात सरकार ने राज्य में कोरोना के बढते मरीजों की संख्या को देखते हुए बड़ा फैसला किया है।


राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में एक्सपर्ट की ओर से मिली सलाह के बाद राज्य प्रशासन ने अब से एमडी डॉक्टर की प्रिस्किप्शन पर भी प्राइवेट क्लीनिक में कोरोना की जांच को मंजूरी दे दी है।

गुजरात के अहमदाबाद में एमडी और स्पेशलिस्ट सहित 1400 डॉक्टर्स कोरोना की जांच करवा सकेंगे। इस फैसले का अमल 12 जून से शुरू हो जाएगा। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मीडिया को बताया कि अब तक अहमदाबाद में सिविल हॉस्पिटल में ही टेस्ट हो रहे थे।


पटेल ने कहा कि जानकारों का कहना था कि एमडी या स्पेशलिस्ट डॉक्टर के निदान में यदि लक्षण मिले तो उन्हें निजी लेबोरेटरी में जांच कराने की मंजूरी मिलनी चाहिए जिसको राज्य सरकार ने मान लिया है। हालांकि इस रिपोर्ट के बारे में राज्य सरकार के आरोग्य अधिकारी को बताना रहेगा। ताकि राज्य सरकार के पास कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जानकारी रह सके।


अहमदाबाद में इस तरह के 1400 डॉक्टर्स हैं। प्राइवेट डॉक्टर के सलाह पर जांच कराने के बाद यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो उपचार की व्यवस्था क्या रहेगी? इस पर उन्होंने बताया कि यदि मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो, उसे सरकार की ओर से बताई गई हॉस्पिटलों में उपचार मिलेगा। ।अहमदाबाद की छह लेबोरेटरी में 4500 रूपए तक आरटी और पीसीआर टेस्ट करवाया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि भारत में जिन राज्यों में कोरोना के मामले ज्यादा है उनमें गुजरात भी शामिल है और गुजरात के अहमदाबाद में रोज बड़ी संख्या में केस दर्ज होने के कारण यह फैसला किया गया है। इसके पहले सूरत में भी पांच निजी अस्पतालों के लिए कोरोना का चार्ज तया किया गया है।